DSP देविंदर सिंह मामले के बीच अफजल गुरु की फांसी का मुद्दा चर्चा में, जज ने कहा- केस पर नहीं पड़ेगा कोई असर, गुरु के वकील ने भी दिया बयान
By पल्लवी कुमारी | Published: January 14, 2020 10:09 AM2020-01-14T10:09:50+5:302020-01-14T10:09:50+5:30
यह पहला मौका नहीं है जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह गलत कारणों से सुर्खियों में रहे हैं। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु द्वारा 2013 में लिखे एक पत्र में सिंह पर कई आरोप लगाए गए थे। हालांकि, आरोपों की जांच की गई और सबूत के साथ उसकी पुष्टि नहीं हुई थी।
जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह को सोमवार (13 जनवरी) को निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ यह आरोप है कि उन्होंने तीन आतंकवादियों को बादामी बाग छावनी इलाके में सेना की 16वीं कोर के मुख्यालय के पास अपने आवास पर आश्रय दिया था। सिंह के साथ ही उन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही 13 दिसंबर 2001 को संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु से डीएसपी के कथित कनेक्शन की भी बात सामने आई है। अब इस मामले पर अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाने वाले जज शिव नारायण ढींगड़ा का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि देविंदर सिंह मामले से अफजल गुरु की फांसी केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि दोनों केस इंटरलिंक है लेकिन इससे देविंदर सिंह केस के लिंक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, जज शिव नारायण ढींगड़ा ने कहा अफजल गुरु 2013 में देश के खिलाफ युद्ध, हत्या और आपराधिक साजिश के लिए फांसी दी गई थी। जज शिव नारायण ढींगड़ा ने कहा कि वह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह पर लगे आरोपों पर कोई कमेंट नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि पुलिल में कई ब्लैक शिप हैं, जो सिर्फ अपनी मदद करते हैं।
ढींगड़ा ने कहा कि इससे अफजल के मामले में कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि जिस वक्त अफजल को फैसला सुनाएगा उस वक्त पूरा ध्यान आतंकवादियों पर केंद्रित था। उस वक्त अगर पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह का मामला सामने आया होता तो और भी सबको विचलिच कर देता।
आतंकी अफजल गुरु ने भी कथित तौर पर देविंदर सिंह का नाम लिया था। 2004 में अफजल गुरु ने अपने वकील सुशील कुमार को एक पत्र लिखा था। जिसमें गुरु ने दावा किया कि देविंदर सिंह ने ही उसे संसद हमले के सह आरोपी ‘‘मोहम्मद’’ को साथ लेकर ‘‘दिल्ली जाने और उसके लिए मकान किराए पर लेने तथा कार खरीदने को कहा था।’’ उस वक्त सिंह विशेष अभियान समूह में डीएसपी थे। अफजल ने पत्र ने यह भी लिखा था कि डीएसपी देविंदर सिंह ने आतंकियों को पहले चंडीगढ़ और फिर दिल्ली पहुंचाने के लिए कथित तौर पर लाखों रुपये की डील की थी।
सुशील कुमार ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया है भले ही देविंदर सिंह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति था ... लेकिन अपने अनुभव से मुझे उसके चरित्र पर शक था। लगता है कि उनकी किस्मत अच्छी थी और अब केवल सुविधाजनक सच्चाई ही सामने आएगी। अफजल को उस वक्त वक्त की मांग अनुसार फांसी दी गई।
अधिकारियों के मुताबिक उस वक्त सिंह पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं मिले। लेकिन आतंकवादियों को लेकर जाते हुए शनिवार को हुई उनकी गिरफ्तारी ने गुरु द्वारा उठाए गए सवालों और लगाए गए आरोपों को फिर से जिंदा कर दिया है। अफजल गुरु को 9 फरवरी, 2013 को दोषी ठहराया गया और फांसी दे दी गई।