दहेज निरोधक प्रावधान की तरह हो सकता है तीन तलाक विरोधी कानून का दुरुपयोगः खान

By भाषा | Published: July 31, 2019 03:45 PM2019-07-31T15:45:24+5:302019-07-31T15:45:24+5:30

उन्होंने इसे फौजदारी शक्ल दिये जाने पर असहमति जताते हुए आशंका व्यक्त की है कि दहेज प्रताड़ना निरोधक प्रावधान की तरह तीन तलाक प्रथा का निषेध करने वाले कानून का भी दुरुपयोग हो सकता है। शाह बानो के 45 वर्षीय नाती पेशे से वकील और कर सलाहकार हैं।

Dowry can be like the preventive provision of three anti-divorce laws: Khan | दहेज निरोधक प्रावधान की तरह हो सकता है तीन तलाक विरोधी कानून का दुरुपयोगः खान

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019" के स्वरूप से खान सहमत नहीं हैं।

Highlightsवैसे तो इस्लामी शरीयत में लगातार तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म किये जाने की कोई अवधारणा ही नहीं है।लेकिन यह अच्छी बात है कि सरकार ने इस प्रथा पर रोक के लिये कानून बनाया है।

अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता हासिल करने के लिये लम्बी कानूनी लड़ाई लड़कर मुस्लिम समुदाय में नजीर पेश करने वाली शाह बानो के नाती जुबैर अहमद खान ने तीन तलाक निरोधक विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने को "अच्छा कदम" बताया है।

हालांकि, उन्होंने इसे फौजदारी शक्ल दिये जाने पर असहमति जताते हुए आशंका व्यक्त की है कि दहेज प्रताड़ना निरोधक प्रावधान की तरह तीन तलाक प्रथा का निषेध करने वाले कानून का भी दुरुपयोग हो सकता है। शाह बानो के 45 वर्षीय नाती पेशे से वकील और कर सलाहकार हैं।

उन्होंने कहा, "वैसे तो इस्लामी शरीयत में लगातार तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म किये जाने की कोई अवधारणा ही नहीं है। लेकिन यह अच्छी बात है कि सरकार ने इस प्रथा पर रोक के लिये कानून बनाया है।"

बहरहाल, "मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019" के स्वरूप से खान सहमत नहीं हैं। उन्होंने तीन तलाक प्रथा पर रोक लगाने वाले इस बहुचर्चित विधेयक के संसद से पारित होने के अगले दिन कहा, "मेरी नजर में एक अच्छी बात को गलत तरीके से पेश किया गया है।

इस विधेयक में जो फौजदारी अंश जोड़ा गया है, उससे इसका उसी तरह दुरुपयोग हो सकता है, जिस तरह भारतीय दंड विधान की धारा 498-ए (दहेज प्रताड़ना) के गलत इस्तेमाल की शिकायतें अक्सर हमारे सामने आती हैं।" शाह बानो के नाती ने तीन तलाक निरोधक विधेयक के फौजदारी स्वरूप से महिलाओं की स्थिति "और खराब होने" की आशंका जतायी। इस विधेयक में मुजरिम के लिये तीन साल तक के कारावास का प्रावधान है।

उन्होंने कहा, "मान लीजिये कि किसी विवाहिता द्वारा तीन तलाक की शिकायत पर आपराधिक मामला दर्ज कर पुलिस ने उसके शौहर को गिरफ्तार कर लिया और अदालत ने उसे जेल भेज दिया। क्या इस स्थिति में उस महिला को उसके पति के परिवारवाले अपने घर में रखना पसंद करेंगे? क्या महिला का पति जेल से छूटने के बाद उसे अपनी जिंदगी में पहले की तरह कबूल कर सकेगा?"

खान ने कहा, "हम देख ही रहे हैं कि परित्यक्त महिलाओं द्वारा अपने पति से भरण-पोषण राशि हासिल करने की कानूनी प्रक्रिया कितनी लम्बी होती है। ऐसे में उस तीन तलाक पीड़ित महिला और उसके बच्चों का गुजारा कैसे होगा, जिसका पति उसकी ही शिकायत पर दर्ज मामले में जेल में बंद है। लिहाजा मेरा मानना है कि तीन तलाक निरोधक विधेयक में पीड़ित महिलाओं को उचित वित्तीय सहायता दिलाने के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा प्रावधान किये जाने चाहिये थे।"

शाह बानो का वर्ष 1992 में इंतकाल हो गया था। 1980 के दशक में अपनी नानी की लंबी और अब तक चर्चित कानूनी लड़ाई को याद करते हुए खान ने कहा, "मेरी नानी ने असल में तलाक के बाद मेरे नाना से भरण-पोषण राशि हासिल करने के लिये मुकदमा लड़ा था।

तलाक पीड़ित महिलाओं को उचित वित्तीय सुरक्षा दिलाने का मुद्दा आज भी उतना ही अहम बना हुआ है।" गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने लगातार तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म किये जाने की तलाक-ए-बिद्दत प्रथा को 22 अगस्त 2017 को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। 

Web Title: Dowry can be like the preventive provision of three anti-divorce laws: Khan

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