दूरदर्शन ने भाकपा के चुनाव अभियान वक्तव्य से विवादित शब्द हटाने को कहा, पार्टी ने किया इंकार

By भाषा | Published: April 18, 2019 07:03 PM2019-04-18T19:03:34+5:302019-04-18T19:03:34+5:30

लोकसभा चुनाव 2019: उल्लेखनीय है कि सभी राजनीतिक दलों को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण के लिये चुनाव अभियान का वक्तव्य पढ़ने का समय दिया जाता है। इसके तहत भाकपा की ओर से विस्वम को वक्तव्य पढ़ने के लिये अधिकृत किया गया है।

Doordarshan asked CPI (M) election campaign statement to remove controversial word, party refused | दूरदर्शन ने भाकपा के चुनाव अभियान वक्तव्य से विवादित शब्द हटाने को कहा, पार्टी ने किया इंकार

आकाशवाणी पर वक्तव्य के प्रसारण की रिकॉर्डिंग हो चुकी है जबकि दूरदर्शन ने कुछ ऐसे शब्दों पर आपत्ति जताते हुये इन्हें हटाने के लिये कहा है

भाकपा ने दूरदर्शन पर प्रसारण के लिये पार्टी के चुनाव अभियान वक्तव्य से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आने वाले कुछ शब्दों को हटाने से इंकार करते हुये कहा है कि पार्टी इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेगी। भाकपा के सचिव बिनय विस्वम ने बृहस्पतिवार को प्रसार भारती की पुनरीक्षण समिति के उस निर्देश पर आपत्ति जतायी जिसमें पार्टी को अपने चुनाव अभियान के वक्तव्य से ‘आरएसएस’ एवं ‘फासीवादी विचारधारा’ जैसे शब्दों को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुये हटाने के लिये कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि सभी राजनीतिक दलों को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण के लिये चुनाव अभियान का वक्तव्य पढ़ने का समय दिया जाता है। इसके तहत भाकपा की ओर से विस्वम को वक्तव्य पढ़ने के लिये अधिकृत किया गया है। विस्वम ने बताया कि आकाशवाणी पर वक्तव्य के प्रसारण की रिकॉर्डिंग हो चुकी है जबकि दूरदर्शन ने कुछ ऐसे शब्दों पर आपत्ति जताते हुये इन्हें हटाने के लिये कहा है, जो पार्टी की विचारधारा और प्रचार अभियान के अभिन्न अंग हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रसार भारती भाजपा की मोदी सरकार के इशारे पर इस तरह की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई कर रहा है। हम अपने वक्तव्य में बदलाव नहीं करेंगे। पार्टी इसकी चुनाव आयोग से लिखित शिकायत करेगी।’’ उन्होंने बताया कि प्रसार भारती ने अपने निर्देश में कहा है कि आरएसएस कोई राजनीतिक दल नहीं है इसलिये वक्तव्य में इसका इस्तेमाल अनुचित है।

विस्वम ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी और जनता के बीच अपनी विचारधारा को प्रकट करने का राजनीतिक दलों के अधिकार का उल्लंघन है। इस दौरान भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने भाजपा द्वारा मालेगांव हमला मामले में जमानत पर रिहा की गयी आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भाजपा द्वारा भोपाल से उम्मीदवार बनाये जाने पर भी आपत्ति जतायी।

रेड्डी ने आरोप लगाया कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवादी मामलों के आरोपियों को राजनीति में लाने की शुरुआत कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है और देश की जनता को इससे भाजपा और मोदी के वास्तविक चेहरे को पहचानना चाहिये।’’

रेड्डी ने चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ आयकर सहित विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुये कहा कि मोदी सरकार चुनाव तंत्र का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने चुनाव आयोग पर इस तरह के मामलों में उपयुक्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। रेड्डी ने कहा कि चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों के प्रति एक समान तटस्थ रवैया अपना चाहिये।

Web Title: Doordarshan asked CPI (M) election campaign statement to remove controversial word, party refused