दून एक्सप्रेसवे :शीर्ष अदालत ने वन मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका एनजीटी के पास भेजी

By भाषा | Updated: November 16, 2021 20:02 IST2021-11-16T20:02:17+5:302021-11-16T20:02:17+5:30

Doon Expressway: Supreme Court sends petition challenging forest clearance to NGT | दून एक्सप्रेसवे :शीर्ष अदालत ने वन मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका एनजीटी के पास भेजी

दून एक्सप्रेसवे :शीर्ष अदालत ने वन मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका एनजीटी के पास भेजी

नयी दिल्ली, 16 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा एक्सप्रेसवे को दी गई वन संबधी मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के पास भेज दिया। इस एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय चार घंटे कम हो जाएगा।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारे का हिस्सा गणेशपुर-देहरादून रोड (राष्ट्रीय राजमार्ग-72ए) खंड पर लगभग 11,000 पेड़ों की कटाई पर भी 26 नवंबर तक रोक लगा दी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की योजना के अनुसार छह-लेन का नया राजमार्ग यात्रा के समय को 6.5 घंटे से घटाकर केवल 2.5 घंटे कर देगा और इसमें वन्यजीवों और जंगलों की सुरक्षा के लिए 12 किलोमीटर की सड़क होगी।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने एनजीटी के पूर्व के एक आदेश को खारिज कर दिया और उसे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सिटीजन फॉर ग्रीन दून’ की एक याचिका पर नए सिरे से विचार करने के लिए कहा, जिसने पहले चरण और दूसरे चरण को मंजूरी और पेड़ काटने की अनुमति को चुनौती दी है।

पीठ ने एनजीटी को एनजीओ द्वारा उठाए गए मुद्दे पर एक तर्कपूर्ण आदेश पारित करने के लिए कहा और याचिका दायर करने के 24 घंटे के भीतर मामले को सूचीबद्ध करने को कहा। पीठ ने एनजीओ को अपने सभी दावों के साथ एक सप्ताह के भीतर एनजीटी का रुख करने की स्वतंत्रता दी और कहा कि मामले में उसकी टिप्पणियां गुण-दोष के आधार पर इस मुद्दे का फैसला करने के रास्ते में आड़े नहीं आएंगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि एनजीटी का छह अक्टूबर का एनजीओ की याचिका खारिज करने का आदेश त्रुटिपूर्ण है क्योंकि उसने इस मुद्दे पर पहले के फैसलों पर विचार नहीं किया। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस परियोजना को जनहित में नहीं रोका जाना चाहिए क्योंकि एनएचएआई ने सभी आवश्यक मंजूरी ले ली थी। वेणुगोपाल ने कहा कि हाथियों के मार्ग या किसी अन्य जंगली जानवरों के रास्ते को अवरुद्ध किए बिना इस सड़क से वाहनों की यात्रा सुगम होगी और दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करेगी।

एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनीता शेनॉय ने कहा कि उन्होंने सहारनपुर के संभागीय वन अधिकारी के समक्ष एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के तहत आवेदन दायर कर यह जानना चाहा है कि क्या पेड़ काटने का आदेश पारित किया गया है, जिसे स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया था।

पीठ ने कहा कि सभी दलीलें एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती हैं और यह उचित होगा यदि अदालत को अधिकरण के फैसले का लाभ मिलता है, जो विशेष रूप से पर्यावरणीय मामलों से संबंधित है।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के लोनी, बागपत, शामली, सहारनपुर और गणेशपुर जैसे क्षेत्रों से गुजरते हुए दोनों शहरों को सीधे जोड़ेगा। उत्तराखंड में एक्सप्रेसवे का 3.6 किलोमीटर लंबा हिस्सा होगा जबकि करीब 16 किलोमीटर उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा।

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Web Title: Doon Expressway: Supreme Court sends petition challenging forest clearance to NGT

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