डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी पर भड़का इराक, अमेरिकी सैनिकों को वापस भेजने की मांग हुई तेज
By भाषा | Published: February 4, 2019 05:47 PM2019-02-04T17:47:14+5:302019-02-04T17:47:56+5:30
ट्रंप ने सीबीएस ट्रेलीविजन के साथ एक साक्षात्कार में सीरिया और अफगानिस्तान में ‘‘खत्म नहीं होने वाले युद्ध’’ से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अमेरिकी सैनिक इराक में बने रहेंगे
इराकी नेताओं ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा जिन्होंने कहा था कि उनकी योजना अमेरिकी बलों को देश में रखने की है ताकि ईरान पर नजर रखी जा सके।
ट्रंप ने सीबीएस ट्रेलीविजन के साथ एक साक्षात्कार में सीरिया और अफगानिस्तान में ‘‘खत्म नहीं होने वाले युद्ध’’ से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अमेरिकी सैनिक इराक में बने रहेंगे, जिसका आंशिक उद्देश्य ‘‘ईरान पर थोड़ा नजर रखना है।’’
उन्होंने गत दिसम्बर में पश्चिमी इराक में स्थित ऐन अल असद हवाई ठिकाने के अपने दौरे का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने इस असाधारण बेस के निर्माण में काफी खर्च किया है। हम इसे बरकरार रख सकते हैं।’’
उन्होंने रविवार को प्रसारित अपने साक्षात्कार में कहा, ‘‘यदि कोई परमाणु हथियार या अन्य चीजों में बारे में विचार करेगा, हमें उनके द्वारा वैसा करने से पहले ही पता चल जाएगा।’’
ट्रंप की इस टिप्पणी से इराक में इसको लेकर नयी मांग शुरू हो गई कि अमेरिकी सैनिक देश छोड़ें।
राष्ट्रपति बरहम सालेह ने कहा, ‘‘इराक का इस्तेमाल किसी पड़ोसी देश पर हमला करने के लिए एक बेस के तौर पर करने को इराकी संविधान खारिज करता है।’’
सालेह ने कहा कि अमेरिकी बल देश में दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते के तहत विधिक तरीके से हैं लेकिन ‘‘इस रूपरेखा के बाहर उठाया गया कोई भी कदम अस्वीकार्य है।’’
संसद सदस्य सबाह अल सादी ने अमेरिकी सैनिकों के देश से हटने की मांग करने वाले एक विधेयक प्रस्तावित किया है।
संसद के उपाध्यक्ष हसन करीम अल काबी ने कहा कि ट्रंप द्वारा अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात के लिए ऐन अल असद का दौरा करना और उस दौरान किसी भी इराकी अधिकारी से नहीं मिलने के बाद यह एक ‘‘नया उकसाव’’ है।