नागालैंड में अब खुल कर बिकेगा कुत्ते का मांस, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हटाया सरकार का प्रतिबंध
By अंजली चौहान | Published: June 7, 2023 03:42 PM2023-06-07T15:42:23+5:302023-06-07T16:08:30+5:30
नागालैंड सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है और राज्य में फिर से कुत्ते का मीट बेचने की इजाजत दे दी है।
गुवाहाटी: भारत के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में कुत्ते के मांस पर लगे प्रतिबंध को गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने हटा दिया है। इसी के साथ नागालैंड सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश जिसमें कुत्ते के मांस की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध रद्द हो गया है। गुवाहाडी हाईकोर्ट की कोहिमा पीठ ने ये फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के तीन साल पुराने फैसले को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति मार्ली वैंकुन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह कहते हुए फैसला सुनाया कि नागालैंड के मुख्य सचिव 4 जुलाई, 2020 को प्रतिबंध आदेश जारी करने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी नहीं थे।
अदालत ने कहा कि क्या भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अपने अगस्त 2014 के परिपत्र को जारी करके अपनी प्रत्यायोजित शक्तियों से परे काम किया है, जिसमें कहा गया है कि खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योज्य नियमन 2011 के विनियम 2.5 को परिभाषित किया गया है।
पशु, शव और मांस जिसमें उप-विनियम 2.5.1 (ए) ने "पशु" को परिभाषित किया है और क्या सर्कुलर के अनुसरण में नागालैंड राज्य ने 4 जुलाई 2020 की आपत्तिजनक अधिसूचना जारी की थी।
इस पर न्यायाधीश ने कहा कि कुत्तों या कुत्तों का उल्लेख 'जानवरों' की परिभाषा के तहत नहीं किया गया है यह कहते हुए कि यह चौकाने की बात नहीं है क्योंकि कुत्तों का मांस केवल पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में खाया जाता है। उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता सक्षम हैं कुत्तों को ले जाकर और कुत्ते का मांस बेचकर अपनी आजीविका कमाते हैं।
हालांकि, इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि कुत्ते के मांस को मानव उपभोग के लिए भोजन का मानक नहीं माना जाता है और इसे मानव उपभोग के लिए सुरक्षित जानवरों की परिभाषा में शामिल नहीं किया गया है।
दरअसल, नागालैंड सरकार ने 2020 में एक आदेश जारी कर वाणिज्यिक आयात, कुत्तों के व्यापार और बाजारों और डाइन-इन रेस्तरां में कुत्ते के मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। इस फैसले पर सुनवाई करते हुए 2 जून को गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
बता दें कि सरकार द्वारा लगाए गए इस प्रतिबंध को कोहिमा म्युनिसिपल काउंसिल के तहत कुत्तों का आयात करने और कुत्ते का मांस बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों द्वारा याचिका दायर की गई थी।
याचिका में प्रतिबंध के कानूनी आधार और अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने महसूस किया कि सरकारी अधिसूचना की गलत व्याख्या की गई और खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर भरोसा किया गया।