कोरोना वायरस संकट: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, महामारी से जूझ रहे डॉक्टर-स्वास्थ्यकर्मी योद्धा, इनकी सुरक्षा जरूरी

By भाषा | Published: April 8, 2020 04:25 PM2020-04-08T16:25:16+5:302020-04-08T16:35:21+5:30

भारत में कोरोना वायरस के 5000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली में डॉक्टरों और मध्य प्रदेश में कई स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. सुप्रीम कोर्ट में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर आज अहम सुनवाई हुई.

Doctors, healthcare workers are warriors, have to be protected, SC tells Centre | कोरोना वायरस संकट: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, महामारी से जूझ रहे डॉक्टर-स्वास्थ्यकर्मी योद्धा, इनकी सुरक्षा जरूरी

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsकेंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बताया, परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये डॉक्टरों को होटलों में ठहरा रही हैएक याचिकाकर्ता ने चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों को डब्लूएचओ के मानक वाले पीपीई उपलब्ध कराने का अनुरोध किया

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में डॉक्टरों और स्वास्थकर्मियों को योद्धा बताते हुए केंद्र सरकार से कहा कि इन सभी की सुरक्षा करनी होगी। केंद्र ने न्यायालय को भरोसा दिलाया कि वह इस संक्रमण की स्थिति से निबटने में जुटे सभी लोगों को सुरक्षा के व्यक्तिगत उपकरण और दूसरी सुविधायें उपलब्ध कराने के सर्वश्रेष्ठ उपाय कर रहा है। शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया कि सरकार को इस संक्रमण के इलाज, घरों से काम करने की व्यवस्था और लॉकडाउन सहित कोविड-19 से जुड़े तमाम मुद्दों से निबटने के बारे में जनता की राय प्राप्त करने की व्यवस्था करनी चाहिए।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की पीठ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कोविड-19 महामारी से निबटने के वास्ते डॉक्टरों तथा अन्य स्वास्थकर्मियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था की जा रही है। न्यायालय में दायर इन जनहित याचिकाओं में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्यक्रमी 'कोरोना योद्धा'

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने स्पष्ट किया कि वह इन याचिकाओं में किए गए अनुरोधों का विरोध नहीं कर रहे हैं। उन्होंने पीठ से कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जंग लड़ रहे चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और दूसरे स्वास्थ्यकर्मी ‘कोरोना योद्धा’ हैं और सरकार उनकी तथा उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित कर रही है। मेहता ने अस्पतालों के चिकित्सकों और स्टाफ के सदस्यों के वेतन के बारे में आ रही खबरों का खंडन किया और कहा कि केन्द्र सभी राज्यों को पत्र लिख रहा है कि पीपीई और मास्क की खरीद के लिये किसी के भी वेतन मे कटौती नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने पीठ से कहा, ‘‘अगर कोई ऐसा (वेतन कटौती) कर रहा है, तो हम पुलिस भेजेंगे। सरकार और पुलिस इस काम में जुटे चिकित्सकों और अन्य स्वास्थकर्मियों की सुरक्षा के लिये एक कदम आगे बढ़कर काम करेगी।’’ उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये इन डॉक्टरों को होटलों में ठहरा रही है। याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘आप जिला स्तर पर इस तरह की व्यवस्था क्यों नहीं करते जिसमें स्थानीय लोगों के सुझाव प्राप्त करने के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त हों।’’

इस सवाल के जवाब में मेहता ने कहा कि उनका एक केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष है जिसमें स्वास्थ्य, गृह और आयुष मंत्रालयों के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर भी इसी तरह के नियंत्रण कक्ष हैं और वे इस समस्या के बारे में सुझावों और शिकायतों के संबंध में आने वाले फोन सुनते हैं। पीठ ने कहा, ‘‘वे (चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी) योद्धा हैं। इनकी सुरक्षा की जानी चाहिए। आपको यह भी सोचना होगा कि उत्पादन कैसे शुरू हो। सेवा क्षेत्र इस समय घर से काम कर रहा है। उनकी सेहत और मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है।

याचिकाकर्ता ने कहा, कोरोना वायरस से भय व्याप्त

एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि वह सॉलिसीटर जनरल के रूख की सराहना करते है लेकिन इलाज करने वाले डॉक्टरों में भय व्याप्त है और अगर ये आगे नहीं आयेंगे तो सारी व्यवस्था चौपट हो जायेगी। रोहतगी ने कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि वाले मरीजों के अस्पतालों से भागने संबंधी खबरों की ओर भी पीठ का ध्यान आकर्षित किया। इस पर मेहता ने कहा कि सभी अस्पतालों के बाहर पुलिस का पहरा लगाया गया है ताकि वे लोग, जिन्हें दूसरों के साथ मिलना-जुलना नहीं चाहिए, अस्पताल से बाहर नहीं निकलें।

सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों को डब्लूएचओ के मानक वाले पीपीई उपलब्ध कराने का अनुरोध किया और कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को हजमत सूट, कलफ लगे कपड़े, मेडिकल मास्क, चश्मा और श्वास यंत्र हों। इसी तरह, अधिवक्ता अमित साहनी की अलग याचिका में कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे चिकित्सकों और अन्य स्वास्थकर्मियों के लिये पीपीई की कमी के मसले को सुलझाने का केन्द्र और राज्य सरकारों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

Web Title: Doctors, healthcare workers are warriors, have to be protected, SC tells Centre

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