देश के सफल संचालन के लिए अनुशासित नागरिक जरूरी : कोविंद

By भाषा | Published: August 27, 2021 02:12 PM2021-08-27T14:12:26+5:302021-08-27T14:12:26+5:30

Disciplined citizens are necessary for the successful operation of the country: Kovind | देश के सफल संचालन के लिए अनुशासित नागरिक जरूरी : कोविंद

देश के सफल संचालन के लिए अनुशासित नागरिक जरूरी : कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को कहा कि देश के सफलतापूर्वक संचालन के लिए अनुशासित नागरिकों का होना जरूरी है।राष्ट्रपति कोविंद ने यहां कैप्टन मनोज कुमार पांडेय सैनिक स्कूल में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सम्पूर्णानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद स्कूल के हीरक जयंती वर्ष के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “डॉ. सम्पूर्णानंद इस देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने सैनिक स्कूल की स्थापना के बारे में सोचा। उन्होंने यह जरूर अनुभव किया होगा कि देश का सफलतापूर्वक संचालन करने के लिए अनुशासन जरूरी है। उनके मन में यही बात रही होगी कि नागरिक को अनुशासित किए बिना देश को विकास के रास्ते पर नहीं लाया जा सकता।”राष्ट्रपति कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी और सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ल देश के पहले सैनिक स्कूल कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय सैनिक स्कूल के हीरक जयन्ती वर्ष के समापन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने डॉ. सम्पूर्णानंद की 20 फुट उंची प्रतिमा का अनावरण किया। इसके अलावा इस मौके पर डॉ. सम्पूर्णानंद प्रेक्षागृह का लोकार्पण, कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ की क्षमता दोगुनी किए जाने की परियोजना, बालिका छात्रावास का शिलान्यास और डाक टिकट का विमोचन किया गया। कोविंद उत्तर प्रदेश के तीन शहरों लखनऊ, गोरखपुर और अयोध्या के चार दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को यहां आये। उन्होंने शुक्रवार को अपने संबोधन में शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के आगे बढ़ने में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह देश का प्रथम सैनिक स्कूल है जिसने बेटियों के लिए भी सबसे पहले अपने दरवाजे खोले हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कैप्टन मनोज पांडेय ने करगिल में शहादत दी और मैं पिछले तीन वर्ष से वहां जाकर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करना चाह रहा हूं। मैं इस वर्ष दशहरे पर करगिल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस देश का राष्ट्रपति होने के साथ एक संवेदनशील नागरिक भी हूं। मेरे कार्यक्रम में बहुत पहले से यातायात बाधित होने से असुविधा होती है।’’ कोविंद ने सुझाव दिया कि उनके क़ाफ़िले के निकलने के दस मिनट पहले यातायात रोका जाए और आवश्यकता होने पर एंबुलेंस को निकाल दिया जाए। राज्यपाल पटेल ने राष्ट्रपति एवं उनकी पत्नी का स्वागत किया और कहा कि डॉ. सम्पूर्णानंद ने प्रथम सैनिक स्कूल की स्थापना कर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में प्रशिक्षित बालिकाएं देश की सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगी। इस दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ. सम्पूर्णानंद ने देश के इस पहले सैनिक स्कूल की स्थापना की और आज देश में सैनिक स्कूलों की लम्बी श्रृंखला है। योगी ने कहा कि वर्ष 2018 में इस सैनिक स्कूल ने बालिकाओं के प्रवेश का फैसला किया और अब देश के सभी सैनिक स्कूलों में बालिकाओं का प्रवेश अनिवार्य कर दिया गया है। गौरतलब है कि एक जनवरी, 1891 को वाराणसी में जन्‍मे सम्पूर्णानंद 28 दिसंबर, 1954 से छह दिसंबर, 1960 तक दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा 1962 से 1967 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे। उन्होंने शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान दिया। उन्होंने 15 जुलाई, 1960 को लखनऊ में देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना की थी। बाद में इसका नाम करगिल युद्ध के शहीद और इसी स्कूल के छात्र कैप्टन मनोज कुमार पांडेय के नाम पर रखा गया। कैप्टन पांडेय को सेना के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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