तीस्ता सीतलवाड़ के पक्ष में बोले दिग्विजय सिंह, "बेखौफ हैं, इसलिए डरती है भाजपा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 27, 2022 05:58 PM2022-06-27T17:58:22+5:302022-06-27T18:11:39+5:30
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए दिग्विजय सिंह ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि तीस्ता निडर हैं, वे डरती नहीं हैं, इसलिए भाजपा उनसे डर गई है।
दिल्ली: गोधरा मामले में गुजरात पुलिस की एसआईटी द्वारा मुंबई में गिरफ्तार की गई तीस्ता सीतलवाड़ के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुलकर विरोध जताया है।
तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात पुलिस द्वारा उस समय गिरफ्तार की गईं, जब सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ्ते जकिया जाफरी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने एसआईटी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने के फैसले को चुनौती दी थी।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ समेत दो पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार के खिलाफ जांच की जानी चाहिए कि उन्होंने इस केस में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है।
अब जब तीस्ता गुजरात पुलिस की हिरासत में हैं, दिग्विजय सिंह उनकी गिरफ्तारी को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार को लेकर हमलावर हो गये हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, तीस्ता सीतलवाड़ वो शख्सियत हैं, जिनके परिवार ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। इसके साथ ही दिग्गी राजा ने कहा, तीस्ता निडर हैं, वे डरती नहीं हैं. इसलिए भाजपा उनसे डर गई है।
दिग्विजय सिंह ने तीस्ता सीतलवाड़ के पुरखों की बात करते हुए कहा कि यह वही तीस्ता सेतलवाड़ हैं, जिनके बाबा एमसी सेतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे। यह वही तीस्ता सीतलवाड़ हैं, जिनके परबाबा चिमणलाल हरिलाल सीतलवाड़ ने जालियावाला बाग में 400 हिंदुस्तानियों को कत्ल करने वाले जनरल डायर के खिलाफ ब्रिटिश अदालत में जाकर मुकदमा लड़ा और डायर को कोर्ट मार्शल कराया। उनके कारण ब्रिटिश सरकार ने डायर का डिमोशन कर दिया था।
इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के परबाबा भीमराव आंबेडकर के बहिष्कृत हितकारिणी सभा के फाउंडिंग प्रेसिडेंट थे। उन्होंने कहा, ये वही तीस्ता हैं, जो दंगो में मारे गए सैकड़ों हिंदुओ के लिए न्याय की लड़ाई लड़ी और खुद तीस्ता शिक्षा संबंधी दर्जनों मामले देखती हैं।
दिग्विजय सिंह ने तीस्ता का बखान करते हुए कहा, "साल 1993 मुंबई ब्लॉस्ट में मारे गए हिंदुओं की लड़ाई तीस्ता सीतलवाड़ ने लड़ी। ब्लॉस्ट पीड़ितों को सरकार से मदद दिलाई लेकिन उन्हें कोई हिंदू नहीं मानता है, क्योंकि ब्लॉस्ट में मरने वाले ठेले-खोमचे वाले थे। तीस्ता का पूरा परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी आम लोगों की लड़ाई लड़ता रहा है।
दिग्विजय सिंह ने कहा, ऐसे लोग देशभक्ति का झूठा ढोंग नहीं करते। इनकी तीन पीढ़ियां ने गुलामी के दौर में आम लोगों के लिए अंग्रेजों से लड़ी हैं और आजादी के बाद की देश के काले अंग्रेजों से खिलाफ लड़े।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जकिया जाफरी की याचिका खारिज होने के बाद गुजरात पुलिस की एटीएस ने मुंबई के जुहू पहुंचकर तीस्ता सीतलवाड़ को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था। एफआईआर के मुताबिक आरोपियों ने जकिया जाफरी के जरिए कोर्ट में कई याचिकाएं लगाईं और एसआईटी प्रमुख और दूसरे आयोग को गलत जानकारियां दीं।