क्या ऑड-ईवन योजना से प्रदूषण में कमी आयी?, जानें विशेषज्ञों की राय

By भाषा | Published: November 16, 2019 01:47 AM2019-11-16T01:47:05+5:302019-11-16T01:47:05+5:30

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शुक्रवार को जब संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि क्या सम विषम योजना प्रभावी साबित हुई तो उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों जैसे धूल, चिमनी, वाहन से उत्सर्जन से निपटने के लिए लागू की गयी ‘लेकिन प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना है।’’

Did the Odd-Even scheme reduce pollution? here the opinions of experts | क्या ऑड-ईवन योजना से प्रदूषण में कमी आयी?, जानें विशेषज्ञों की राय

क्या ऑड-ईवन योजना से प्रदूषण में कमी आयी?, जानें विशेषज्ञों की राय

Highlightsपर्यावरणविद चंद्रभूषण ने कहा कि अब तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि इस योजना का वायु की गुणवत्ता पर कोई फर्क नहीं पड़ा। जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ ने कहा कि सम विषम योजना के लागू होने के बाद वायु की गुणवत्ता हवा की गति बढ़ने के कारण सुधरी।

शुक्रवार को सम-विषम योजना के तीसरे संस्करण के समापन पर विशेषज्ञ इस बात पर बंटे हुए नजर आए कि वाहनों से संबंधित इस योजना से दिल्ली में वायु प्रदूषण में कमी आयी या नहीं। इस योजना के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब और गंभीर स्थिति में रही। पर्यावरणविद चंद्रभूषण ने कहा कि अब तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि इस योजना का वायु की गुणवत्ता पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘ हां, यह जरूर है कि सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम रही है।’’ उन्होंने कहा कि महिला ड्राइवरों, वाणिज्यिक वाहनों, दोपहिया वाहनों समेत बड़ी संख्या में वाहनों को इस योजना से दूर रखने से इस योजना की कार्यकुशलता घट गयी। जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ ने कहा कि सम विषम योजना के लागू होने के बाद वायु की गुणवत्ता हवा की गति बढ़ने के कारण सुधरी।

उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले दो हफ्तों में दिल्ली में सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक रहा । पिछले चार दिनों से वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी रही। ’’ पर्यावरणविद विमलेंदु झा ने कहा कि इस योजना का वायु प्रदूषण पर न्यूनतम असर रहा। उन्होंने कहा, ‘‘ इससे प्रदूषण महज एक या दो फीसद घटा.. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक तरह इस तथ्य को स्वीकार कर लिया।

केजरीवाल से शुक्रवार को जब संवाददाता सम्मेलन में पूछा गया कि क्या सम विषम योजना प्रभावी साबित हुई तो उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों जैसे धूल, चिमनी, वाहन से उत्सर्जन से निपटने के लिए लागू की गयी ‘लेकिन प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना है।’’

झा ने कहा कि सम-विषम योजना के क्रियान्वन की अवधि चार नवंबर और 15 नवंबर के बीच प्रदूषण स्तर बढ़ा ही है। उन्होंने वाहन उत्सर्जन के हिस्से को घटाने के लिए सार्वजनिक परिहवन को मजबूत बनाने का सुझाव दिया। शहर में कुल प्रदूषण में वाहन का हिस्सा 28 फीसदी है। सेंटर फोर पॉलिसी रिसर्च के फेलो संतोष हरीश ने कहा कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ सम-विषम बस एक आपात उपाय है। यदि इससे वायु गुणवत्ता में थोड़ा सा भी सुधार आया तो इसे लागू किया जाना चाहिए... जब प्रदूषण इतना अधिक है तो सरकार को सभी विकल्पों को इस्तेमाल करना चाहिए जो इस नुकसान को कम करने के लिए उसके पास हैं। ऐसा करना तर्कसंगत है।’’ 

Web Title: Did the Odd-Even scheme reduce pollution? here the opinions of experts

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