अगर पता होता सुनील जाखड़ के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है सनी देओल तो पहले ही मना कर देता: धर्मेन्द्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 13, 2019 01:07 PM2019-05-13T13:07:08+5:302019-05-13T13:07:08+5:30
विनोद खन्ना के निधन के बाद गुरदासपुर लोकसभा सीट पर अप्रैल 2017 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने जीते थे। तब जाखड़ ने बीजेपी के स्वर्ण सालारिया को 1,93,219 वोटों के अंतर से हराया था।
अभिनेता धर्मेन्द्र इन दिनों अपने बेटे सनी देओल के लिए चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। सनी देओल लोकसभा चुनाव 2019 से राजनीति में एंट्री कर रहे हैं और बीजेपी की टिकट पर गुरदासपुर लोकसभा सीट चुनाव लड़ रहे हैं। इसी दौरान धर्मेन्द्र ने सनी देओल की उम्मीदवारी को लेकर कहा है कि अगर मुझे पता होता कि गुरदासपुर लोकसभा सीट से सुनील जाखड़ भी चुनावी मैदान में हैं। सुनील जाकड़ कांग्रेस की टिकट पर गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर सातवें चरण में 19 मई को मतदान होंगे।
धर्मेन्द्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'मैं सनी देओल को गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने ही नहीं देता, अगर मुझे पहले पता होता है कि वहां सुनील जाखड़ चुनावी मैदान में हैं। सुनील जाखड़ मेरे दोस्त बलराम जाकड़ का बेटा है। बलराम जाकड़ मेरे भाई जैसा है और भाई का बेटा मेरे बेटे जैसा हुआ।'
धर्मेन्द्र ने कहा, सुनील मेरे बेटे जैसा है। मेरे बलराम जाकड़ के साथ बहुत अच्छे और गहरे रिश्ते हैं। सुनील एक बहुत बड़ा नेता है।'
Wouldn't have allowed Sunny to contest from Gurdaspur had I known Sunil Jakhar was his opponent: Dharmendra
— ANI Digital (@ani_digital) May 13, 2019
Read @ANI Story | https://t.co/CnJ5D0GqS9pic.twitter.com/XC2OvNMMrg
11 मई को गुरदासपुर में रैली करने आए धर्मेन्द्र को जब यह बताया गया कि इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने स्थानीय मुद्दों पर बहस करने के लिए सनी देओल को आमंत्रित किया है तो धर्मेन्द्र ने कहा,'हम यहां बहस करने नहीं आए हैं, बल्कि लोगों के दर्द को सुनने आए हैं।'
विनोद खन्ना के निधन के बाद सुनील जाखड़ ने जीता था उपचुनाव
विनोद खन्ना के निधन के बाद गुरदासपुर लोकसभा सीट पर अप्रैल 2017 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने जीते थे। तब जाखड़ ने बीजेपी के स्वर्ण सालारिया को 1,93,219 वोटों के अंतर से पराजित किया था। उस समय भी दिवंगत अभिनेता विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना टिकट पाने के लिए कोशिश कर रही थीं लेकिन तब भी उनका पत्ता कट गया था। विनोद खन्ना ने यहां से 1998, 1999, 2004 और 2014 में जीत हासिल की थी। उन्हें यहां लोग प्यार से ‘पुलों का सरदार’ कहते हैं।