'बातचीत से ही जम्मू-कश्मीर को भय और अविश्वास के माहौल से मिल सकती है निजात'

By भाषा | Published: August 15, 2018 08:28 PM2018-08-15T20:28:19+5:302018-08-15T20:30:01+5:30

श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में अपने संबोधन में वोहरा ने यह घोषणा भी की कि आगामी सितंबर और दिसंबर महीने के बीच पंचायत चुनाव और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे, जिसमें पहले ही काफी देरी हो चुकी है।

dependence Day: only dialogue and discussion can solve Jammu and Kashmir problems says NN Vohra | 'बातचीत से ही जम्मू-कश्मीर को भय और अविश्वास के माहौल से मिल सकती है निजात'

'बातचीत से ही जम्मू-कश्मीर को भय और अविश्वास के माहौल से मिल सकती है निजात'

श्रीनगर, 15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा ने बुधवार को कहा कि सिर्फ संवाद और चर्चा से ही यह राज्य अपने आर्थिक विकास की राह में बाधक ‘‘भय, अविश्वास और बढ़ते संदेह’’ से निजात पा सकता है। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में अपने संबोधन में वोहरा ने यह घोषणा भी की कि आगामी सितंबर और दिसंबर महीने के बीच पंचायत चुनाव और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे, जिसमें पहले ही काफी देरी हो चुकी है।

वोहरा ने कहा कि टकराव मोल लेने से राज्य के सामने मौजूद समस्याएं सुलझाने में मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने राजनीतिक नेताओं एवं सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों के प्रमुख लोगों से अपील की कि वे सोचें कि ‘‘अंतहीन संकट’’ से क्या फायदा हुआ है। 

बीते जून में पीडीपी-भाजपा सरकार गिरने के बाद राज्य में प्रशासन की कमान संभालने वाले राज्यपाल ने राजनीतिक नेताओं से अपील की कि वे दशकों से लोगों को हो रही तकलीफों और जानमाल के हो रहे नुकसान के बारे में भी सोचें। 

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य को संदेह, भय, अविश्वास और बढ़ती सनक के माहौल से निजात दिलाने के लिए अहम है कि सभी हितधारक - चाहे उनकी राजनीतिक निष्ठा या धार्मिक विचारधारा कुछ भी हो - टकराव बंद करें और यह स्वीकार करने का साहस दिखाएं कि हमारी समस्याएं सिर्फ संवाद और चर्चा से सुलझ सकती हैं।’’ 

राज्यपाल ने शांति, सद्भाव एवं संवाद की अपील तब की है जब अलगाववादी संगठनों ने कश्मीर घाटी में हड़ताल की है। संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) के बैनर तले अलगाववादियों ने लोगों से कहा था कि वे आज ‘काला दिन’ मनाएं। जेआरएल में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक जैसे अलगाववादी नेता शामिल हैं। श्रीनगर में दुकानें, दफ्तर, पेट्रोल पंप और अन्य कारोबारी इकाइयां बंद रहीं। 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घाटी में अन्य जिला मुख्यालयों से भी बंद की खबरें आईं। अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और आंशिक रूप से इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर रखी हैं। 

Web Title: dependence Day: only dialogue and discussion can solve Jammu and Kashmir problems says NN Vohra

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