बड़े हवाईअड्डों पर उद्घोषणा शुरू करने की मांग, सांसद ने कहा-मैं स्वयं भुक्तभोगी हूं, मेरी उड़ान जा चुकी थी, मैं नहीं जा पाई

By भाषा | Published: February 7, 2020 02:32 PM2020-02-07T14:32:08+5:302020-02-07T14:32:08+5:30

शून्यकाल में अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यानंद ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश के महानगरों में हवाई अड्डों पर उड़ान संबंधी उद्घोषणाएं नहीं की जातीं क्योंकि बड़े हवाईअड्डों को शांत घोषित कर दिया जाता है।

Demand to start proclamation at major airports, MP said- I am a victim myself, my flight was gone, I could not go | बड़े हवाईअड्डों पर उद्घोषणा शुरू करने की मांग, सांसद ने कहा-मैं स्वयं भुक्तभोगी हूं, मेरी उड़ान जा चुकी थी, मैं नहीं जा पाई

बीजद के सस्मित पात्रा ने ओडिशा में जलसंकट का मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाया।

Highlightsउद्घोषणाएं नहीं होने की वजह से यात्रियों को उनकी उड़ान के आने जाने का पता ही नहीं चल पाता। सभापति एम वेंकैया नायडू ने खान से कहा कि वह उन्हें इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दें।

देश के महानगरों में हवाई अड्डों को शांत घोषित किए जाने के कारण, उड़ान संबंधी उद्घोषणाएं नहीं किए जाने का मुद्दा उठाते हुए राज्यसभा में शुक्रवार को एक सदस्य ने मांग की कि जनहित में ये उद्घोषणाएं की जानी चाहिए।

शून्यकाल में अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यानंद ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश के महानगरों में हवाई अड्डों पर उड़ान संबंधी उद्घोषणाएं नहीं की जातीं क्योंकि बड़े हवाईअड्डों को शांत घोषित कर दिया जाता है।

उन्होंने कहा ‘‘उद्घोषणाएं नहीं होने की वजह से यात्रियों को उनकी उड़ान के आने जाने का पता ही नहीं चल पाता। जब तक वह सुरक्षा जांच से गुजरने के बाद बोर्डिंग गेट पर पहुंचते हैं, उनकी उड़ान रवाना हो चुकी होती है। ऐसे में यात्रियों को होने वाली परेशानी का अनुमान लगाया नहीं जा सकता।’’

विजिला ने कहा ‘‘मैं स्वयं इसकी भुक्तभोगी हूं, मेरी उड़ान जा चुकी थी और उद्घोषणा न होने की वजह से मुझे पता नहीं चल पाया।’’ अन्नाद्रमुक सदस्य विजिला ने मांग की कि देश के महानगरों में हवाई अड्डों पर उड़ान संबंधी उद्घोषणाएं की जानी चाहिए ताकि यात्रियों को असुविधा न हो।

सपा के जावेद अली खान ने शिकायत की कि सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी के लिए जनपद स्तर पर गठित दिशा समितियों में न तो अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को बुलाया जाता है और न ही अल्पसंख्यकों की योजनाओं को समीक्षा के लिए लिया जाता है।

इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने खान से कहा कि वह उन्हें इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दें। बीजद के सस्मित पात्रा ने ओडिशा में जलसंकट का मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाया। उन्होंने कहा कि पोलावरम परियोजना की वजह से राज्य के किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है क्योंकि उनकी जमीन डूब क्षेत्र में आ रही है। पात्रा ने आरोप लगाया कि महानदी पर छत्तीसगढ़ में चल रही अवैध परियोजनाओं की कीमत ओडिशा के किसान चुका रहे हैं।

भाजपा के लेफ्टिनेंट जनरल डॉ डी पी वत्स ने फास्टैग से जुड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा में कई वाहन ऐसे हैं जिनके पास फास्टैग हैं और उन्हें पथकर देने में दिक्कत नहीं होती। लेकिन कई वाहनों को अब तक फास्टैग नहीं मिल पाया है।

डॉ वत्स ने कहा ‘‘फास्टैग न मिल पाने की वजह से वाहनों को नगद में पथकर का भुगतान करना होता है और टोल मैनेजर नियमों का हवाला देकर इसकी अनुमति नहीं देते। नतीजा वाहनों की लंबी कतार के रूप में सामने आता है।’’

उन्होंने मांग की कि सरकार को थोड़ा लचीलापन अपनाना चाहिए, खास कर कार्यालय के समय पर। कांग्रेस के हुसैन दलवई ने महात्मा फुले से जुड़ा मुद्दा उठाया। हालांकि वह शून्यकाल के दौरान बोलने के लिए तय तीन मिनट की समयसीमा की समाप्ति के बाद तथा सभापति एम वेंकैया नायडू के टोकने के बाद भी बोलते रहे। तब सभापति ने कहा कि अब सदस्य को एक सप्ताह तक बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

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