मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को दी 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत 

By भाषा | Published: February 2, 2019 03:43 PM2019-02-02T15:43:29+5:302019-02-02T15:43:29+5:30

विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वाड्रा को छह फरवरी को ईडी के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया।

Delhi's Patiala House Court grants interim protection to Robert Vadra till 16th February | मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को दी 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत 

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा को दी 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत 

दिल्ली की एक अदालत ने धन शोधन मामले में रॉबर्ट वाड्रा को 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह मामला दर्ज किया था।

विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वाड्रा को छह फरवरी को ईडी के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। मामला लंदन स्थित एक सम्पत्ति खरीदने से जुड़ा है, जिसके मालिक कथित तौर पर वाड्रा हैं। लंदन के 12, ब्रायनसेट स्क्वायर स्थित इस सम्पति की कीमत 19 लाख पाउंड है।

इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में अग्रिम जमानत के लिए शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था।  अभियोजन दल के अधिवक्ता ने पुष्टि की कि वाड्रा ने उस मामले में अग्रिम जमानत मांगी है जिसमें उनके करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा को अदालत ने 6 फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था।

यह मामला लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में धन शोधन के आरोपों से संबंधित है। इसे 19 लाख पाउंड में खरीदा गया था और इसका स्वामित्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा के पास है । वाड्रा की अग्रिम जमानत की अर्जी पर अदालत में कल सुनवाई होने की संभावना है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 19 जनवरी को अदालत को बताया था कि अरोड़ा जांच में सहयोग कर रहे हैं।

अरोड़ा ने पहले अदालत में आरोप लगाया था कि राजग सरकार ने "राजनीतिक प्रतिशोध" के तहत उन्हें इस मुकदमे में फंसाया है ।  हालांकि, ईडी ने इन आरोपों का खारिज कर दिया था और कहा था, "क्या किसी भी अधिकारी को किसी भी राजनीतिक रूप से बड़े व्यक्ति की जांच नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसे राजनीतिक प्रतिशोध कहा जाएगा?" 

जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि भगोड़े हथियार व्यापारी संजय भंडारी के खिलाफ आयकर विभाग काला धन अधिनियम एवं कर कानून के तहत जांच कर रहा है। इसी दौरान अरोड़ा की भूमिका सामने आयी और इसके आधार पर धन शोधन का मामला दर्ज किया गया था। 

यह आरोप लगाया गया था कि लंदन स्थित संपत्ति को 19 लाख पाउंड में भंडारी ने खरीदा था और 2010 में इसे इतनी ही राशि में बेच दिया गया जबकि इसके नवीकरण पर लगभग 65,900 पाउंड खर्च किया गया था । ईडी ने अदालत को बताया था, "यह इस तथ्य पर विश्वास दिलाता है कि भंडारी संपत्ति का वास्तविक मालिक नहीं था, बल्कि वाड्रा के पास इसका स्वामित्व था, जो इसके नवीकरण पर खर्च कर रहे थे।" 

ईडी ने आरोप लगाया था कि अरोड़ा, वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी के एक कर्मचारी हैं। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि अरोड़ा को वाड्रा की विदेश में अघोषित संपत्ति के बारे में पता था और वह धन की व्यवस्था करने में सहायक था। 

Web Title: Delhi's Patiala House Court grants interim protection to Robert Vadra till 16th February

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