दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में, शीघ्र राहत मिलने की संभावना नहीं

By भाषा | Published: November 9, 2020 10:53 AM2020-11-09T10:53:14+5:302020-11-09T10:53:14+5:30

Delhi's air quality in severe category, unlikely to get relief soon | दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में, शीघ्र राहत मिलने की संभावना नहीं

दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में, शीघ्र राहत मिलने की संभावना नहीं

नयी दिल्ली, नौ नवंबर हवा की गति धीमी रहने और पराली जलने के प्रभावों की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार पांचवें दिन भी ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है।

शहर में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 469 दर्ज किया गया। रविवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 416 दर्ज किया गया, शनिवार को 427, शुक्रवार को 406 और बृहस्पतिवार को 450 दर्ज किया गया था, जो कि पिछले साल 15 नवंबर से अब तक का सबसे ज्यादा है, जब यह 458 दर्ज किया गया था।

दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में 462, गाजियाबाद में 483, नोएडा में 476, ग्रेटर नोएडा में 482, गुरुग्राम में 475 दर्ज किया गया, जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 का स्तर सुबह नौ बजे 575 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया, जो कि पिछले साल 15 नवंबर से अब तक का सबसे ज्यादा है।

भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से नीचे पीएम 10 का स्तर सुरक्षित माना जाता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार हवा की गति सुबह तीन से चार किलोमीटर प्रति घंटा थी और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की शांत गति और कम तापमान की वजह से प्रदूषक तत्व सतह के करीब रहते हैं और हवा की गति अनुकूल होने की वजह से इनका बिखराव होता है।

दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि दिल्ली में ‘वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार की संभावना नहीं है’ क्योंकि हवा की गति खास तौर पर रात में अनुकूल नहीं है और पराली जलाया जाना भी बढ़ते प्रदूषण का कारक है।

प्रणाली ने बताया, ‘‘ पंजाब में पराली जलाए जाने की घटनाओं की संख्या अब भी ज्यादा है जिससे दिल्ली एनसीआर और उत्तर-पश्चिम भारत की वायु गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।’’

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हवा गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर’ ने बताया कि सतही हवा की गति शांत है और अगले दो दिन तक इसके ऐसे ही बने रहने की संभावना है।

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