दिल्ली में प्रदूषणः यमुना नदी में दिखा जहरीला झाग, विशेषज्ञों ने कहा-डिटर्जेंट, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 4, 2020 01:46 PM2020-11-04T13:46:10+5:302020-11-04T13:50:51+5:30
दिल्ली में कालिंदी कुंज के समीप यमुना नदी की सतह पर झाग की तस्वीरें पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं और विशेषज्ञों ने डिटर्जेंट को इस प्रदूषण के बड़े कारणों में से एक बताया है।
नई दिल्लीःदिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। यमुना नदी में दिखे जहरीले झाग ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी। विशेषज्ञ में हैरान है। दिल्ली में कालिंदी कुंज इलाके के नजदीक से बह रही यमुना नदी में भारी मात्रा में झाग बह रहा है।
दिल्ली में कालिंदी कुंज के समीप यमुना नदी की सतह पर झाग की तस्वीरें पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं और विशेषज्ञों ने डिटर्जेंट को इस प्रदूषण के बड़े कारणों में से एक बताया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि देश में ज्यादातर डिटर्जेंटों के पास आईएसओ (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) का प्रमाणपत्र नहीं है जिसने इस रासायनिक पदार्थ फॉस्फेट की मात्रा तय कर रखी है।
अधिकारी के अनुसार जहरीले झाग बनने के पीछे प्राथमिक कारण रंग उद्योग, धोबी घाट और परिवारों में उपयोग में लाये जाने वाले डिटर्जेंट की वजह से अपशिष्ट जल में उच्च फॉस्फेट मात्रा है। सोशल मीडिया पर झाग तेजी से वायरल हो रहा है। लोगों ने कहा कि लगता है कि आज बादल धरती पर उतर गए है।
उन्होंने कहा, ‘‘ परिवारों एवं रंग उद्योग में बड़ी संख्या में बिना ब्रांड के डिटर्जेंटों का उपयोग किया जाता है। उच्च फॉस्फेट मात्रा वाला अपशिष्ट जल अशोधित नालों के जरिए नदी में पहुंचता है।’’ अधिकारी के अनुसार, जब नदी सामान्य ढंग से बह रही होती है तब ये डिटर्जेंट और अन्य आर्गेनिक पदार्थ नदी तल पर जमा हो जाते हैं और जब अधिक पानी छोड़ा जाता है तो ओखला बैराज पर पहुंचकर वह ऊंचाई से गिरता है और फलस्वरूप मथने से झाग बनता है।
उन्होंने कहा कि हल यह है कि सीवर नेटवर्क से जुड़ा हो तथा अपशिष्ट जल का शोधन हो। बोर्ड के अधिकारी ने कहा, ‘‘यदि शत प्रतिशत अपशिष्ट जल का शोधन किया जाएगा तो ऐसी समस्या बिल्कुल नहीं आयेगी। अपशिष्ट शोधन संयंत्रों की क्षमता का पूरा दोहन नहीं किया जाता है और मानकों को पूरा नहीं किया जाता है।’’
#WATCH A thick layer of toxic foam on the surface of Yamuna river seen at Kalindi Kunj in #Delhipic.twitter.com/o4jyL7xwvE
— ANI (@ANI) November 4, 2020
यमुना में झाग: अशोधित सीवेज का डिटर्जेंट बड़ी वजह
हरियाणा द्वारा यमुना में छोड़े जाने वाले पानी में अमोनिया का स्तर असमान्य रूप से बढ़ जाने के चलते दिल्ली के कुछ हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित होगी। दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
चड्ढा ने कहा, ‘‘हरियाणा द्वारा छोड़े जाने वाले यमुना के अशोधित जल में प्रदूषकों (अमोनिया) का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाने के चलते सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र में जल शुद्धिकरण कार्य प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप पूर्वी, उत्तर पूर्वी और दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित होगी। ’’