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दिल्ली हिंसाः स्कूलों में तोड़फोड़, पुस्तकालयों में लगायी गयी आग, अब टूटे डेस्कों व जली किताबों का ढेर बना School

By भाषा | Updated: February 27, 2020 19:54 IST

स्कूल में एक बोर्ड है जो आधा जला हुआ है और उस पर लिखा है - ‘‘सबसे खुशहाल स्कूल में आपका स्वागत है।’’ ब्रिजपुरी में स्थित इस स्कूल का नाम अरूण मोर्डन सीनियर सेकेंडरी स्कूल है जो 32 साल पुराना है और अब यह देखने में किसी कब्रिस्तान से ज्यादा नजर नहीं आता।

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ठळक मुद्देस्कूल के अधिकारी दावा करते हैं कि करीब 70 लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है।स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया गया था। 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के ब्रिजपुरी इलाके में स्थित एक निजी स्कूल में हिंसा का असर दिख रहा है। हिंसा से प्रभावित यह स्कूल अब टूटे डेस्कों व जली किताबों का ढेर बन कर रह गया है।

इस स्कूल में एक बोर्ड है जो आधा जला हुआ है और उस पर लिखा है - ‘‘सबसे खुशहाल स्कूल में आपका स्वागत है।’’ ब्रिजपुरी में स्थित इस स्कूल का नाम अरूण मोर्डन सीनियर सेकेंडरी स्कूल है जो 32 साल पुराना है और अब यह देखने में किसी कब्रिस्तान से ज्यादा नजर नहीं आता।

स्कूल के अधिकारी दावा करते हैं कि करीब 70 लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति रानी ने प्रेट्र को बताया, ‘‘स्कूल में जो कुछ हुआ उससे मैं अब तक उबर नहीं पायी हूं । मेरे लिये सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि जिस वक्त स्कूल में यह सब हुआ उस समय परिसर में बच्चे मौजूद नहीं थे। मैं इसकी कल्पना भी नहीं करना चाहती कि अगर स्कूल में उस समय बच्चे होते तो क्या होता।’’ उन्होंने बताया, ‘‘मंगलवार की शाम हमारा सुरक्षा गार्ड वहां मौजूद था जब भीड़ ने स्कूल परिसर में प्रवेश किया।

घटना की आशंका से डरा गार्ड अपनी जान बचाने के लिए बाहर भाग गया। इसके दो दिन बाद कहीं जाकर हम स्कूल जाने की हिम्मत जुटा सके हैं। यहां टूटी डेस्क, पुस्तकालय में जली पुस्तकें नजर आ रही हैं, हर जगह गड़बडी है । अब यह देखने में कब्रिस्तान से कम नहीं लगता है।’’

स्कूल के मालिक भीष्म शर्मा ने बताया कि दंगाइयों ने 70 लाख रुपये मूल्य की पुस्तकें जला डाली है। उन्होंने बताया, ‘‘इस स्कूल का परिचालन 1987 से किया जा रहा है। यह घटना मंगलवार की शाम पांच बजे हुई। वे आये और उन्होंने सबकुछ जला दिया। हमने 30 साल का रिकार्ड खो दिया।

जिस एक बात के लिए हमें राहत है वह है कि हादसे के वक्त स्कूल में बच्चे नहीं थे, नहीं तो बहुत बड़ा नुकसान होता।’’ इसी तरह की तोड़ फोड़ की स्थिति कई स्कूलों में देखी जा सकती है, इसमें डीपीआर स्कूल, राजधानी पब्लिक स्कूल आदि शामिल है जहां दंगाइयों ने पुस्तकालयों को आग के हवाले कर दिया।

गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ और पक्ष में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच टकराव से चार दिन पहले इस इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। भीड़ ने मकानों, दुकानो और वाहनों को आग के हवाले करने के साथ ही एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी थी। साथ ही स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया गया था। 

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