दिल्ली हिंसाः गिरफ्तार लोगों की जानकारी छिपा रही पुलिस, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पत्र लिखकर ये उठाई मांग
By नितिन अग्रवाल | Published: March 2, 2020 08:19 AM2020-03-02T08:19:27+5:302020-03-02T08:19:27+5:30
Delhi Violence: पत्र में कहा गया है कि दंंड प्रक्रि या संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 (सी) के तहत सभी जिलों में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित करना और गिरफ्तार लोगों की जानकरी पुलिस के नोटिस बोर्ड पर लिखना जरूरी है.
दिल्ली पुलिस पर सांप्रदायिक हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की सूचना सार्वजनिक नहीं करने का आरोप लगा है. मानवाधिकार और सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत कर गिरफ्तार किए गए और हिरासत में मौजूद लोगों के नाम और पतों की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है.
इस संबंध में दिल्ली के पुलिस आयुक्त के अलावा सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर कानून का पालन करने को कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि दंंड प्रक्रि या संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 (सी) के तहत सभी जिलों में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित करना और गिरफ्तार लोगों की जानकरी पुलिस के नोटिस बोर्ड पर लिखना जरूरी है.
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, नेशनल कैंपेन फॉर पीपुल्स राइट टू इन्फॉर्मेशन की अंजलि भारद्वाज, सीपीआई नेता एनी राजा, अमृती जोहरी आदि की ओर से इस पत्र में हिंसा प्रभावित शहादरा और उत्तर-पूर्व जिले के कई पुलिस कंट्रोल रूम का हवाला देते हुए कहा गया है कि कानूनी बाध्यता के बावजूद गिरफ्तार और हिरासत में मौजूद लोगों के बारे में नोटिस बोर्ड पर कोई जानाकारी नहीं दी जा रही है.
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने 'लोकमत समाचार' को बताया कि पुलिस कई बार संदेह के आधार पर किसी को पकड़ लेती है, लेकिन उसके परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी जाती. ऐसे में असामाजिक तत्वों को उन्हें दूसरे पक्ष के खिलाफ भड़काने का मौका मिलता है.
उन्होंने कहा कि यदि पुलिस समय पर यह जानकारी सर्वजनिक करे तो ऐसी अप्रिय स्थिति पैदा नहीं होगी. पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली हिंसा के मामले में 254 प्राथमिकी दर्ज की गई है और अब तक 903 लोगों को हिरासत में लिया गया है.