Delhi Violence Taza Update: दिल्ली पुलिस का दावा- कानून व्यवस्था पटरी पर लौटी, 712 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, 200 से अधिक गिरफ्तारियां
By रामदीप मिश्रा | Published: March 12, 2020 03:08 PM2020-03-12T15:08:40+5:302020-03-12T15:40:16+5:30
Delhi Violence: दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर की मदद से दंगे में शामिल लोगों को चिन्हित किया गया है और घटना की सभी कोणों से जांच की जा रही है। कई लोग अपने बयान दर्ज कराने के लिए आगे आए हैं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले महीने भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार (12 मार्च) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उसने दावा किया कि इलाके में सामान्य स्थिति वापस लौट आई है और हालात सामान्य हैं। पुलिस ने कहा कि हिंसा के मामले में 712 FIR दर्ज की गई हैं और 200 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'पूर्वोत्तर दिल्ली में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। सुरक्षाबलों की तैनाती है और व्यक्तिगत रूप से सभी पीसीआर कॉल की निगरानी की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें बहुत सारे वीडियो मिले हैं जो हमें जांच में मदद करेंगे।'
एमएस रंधावा ने कहा कि चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर की मदद से दंगे में शामिल लोगों को चिन्हित किया गया है और घटना की सभी कोणों से जांच की जा रही है। कई लोग अपने बयान दर्ज कराने के लिए आगे आए हैं। मीडिया के एक हिस्से ने बताया किया कि 26 फरवरी को उत्तर-पूर्व के दंगों में 13 लोगों की मौत हो गई, लेकिन 26 फरवरी को हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। वास्तव में नौ शव बरामद किए गए थे और चार अन्य व्यक्तियों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। उन्होंने आगे कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) और पुलिस जांच कर रही है।
बता दें, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर जवाब देने के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अमित शाह ने दिल्ली हिंसा मामले में लोकसभा में बीते दिन बताया था कि 700 से ज्यादा FIR दर्ज की गई हैं और 2,647 लोग हिरासत में लिए गए हैं।
उन्होंने कहा था कि सीसीटीवी फुटेज की 25 से ज्यादा कम्प्यूटरों पर जांच हो रही है हिंसा को रोकने में दिल्ली पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने हिंसा को पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। शाह ने कहा कि दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही।
उन्होंने कहा था कि दिल्ली पुलिस की सबसे पहली जिम्मेदारी हिंसा को रोकने की थी। कुछ विपक्षी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को दोपहर दो बजे के आसपास हिंसा की घटना की पहली सूचना मिली और अंतिम सूचना 25 फरवरी 11 बजे मिली, यानी ज्यादा से ज्यादा 36 घंटे हिंसा चली। शाह ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में हिंसा को रोकने का काम किया और इसे फैलने की आशंका को शून्य कर दिया।