दिल्ली हिंसा: दंगाइयों ने गर्भवती के पेट में मारी लात, फिर भी हुआ स्वस्थ बच्चे का जन्म, लोग कह रहे ‘चमत्कारी बच्चा’
By भाषा | Published: February 28, 2020 12:56 PM2020-02-28T12:56:15+5:302020-02-28T12:59:30+5:30
सोमवार रात में गर्भवती शबाना परवीन, उनके पति, दो बच्चे और उनकी सास घर में सो रहे थे तभी भीड़ उनके घर घुस आई।
दिल्ली के करावल नगर की रहनेवाली 30 वर्षीय गर्भवती शबाना परवीन के लिए सोमवार की रात कोई आम रात नहीं बल्कि खौफ की रात थी। दंगाई भीड़ उनके घर में घुसी और उन्हें तथा उनके पति को पीटने लगी और घर को आग के हवाले कर दिया। इस सब भयानक घटनाओं से बचते हुए परवीन ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। तमाम दुखों के बावजूद ऐसी स्थिति में स्वस्थ बच्चे का जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं है इसलिए बच्चे के घरवाले उसे ‘चमत्कारी बच्चा’ कह रहे हैं।
सोमवार रात में परवीन, उनके पति, दो बच्चे और उनकी सास घर में सो रहे थे तभी भीड़ उनके घर घुस आई। उस भयानक रात का मंजर बताते हुए परवीन की सास नशीमा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ उन्होंने धार्मिक गालियां दी, मेरे बेटे को मारा, कुछ ने बहू को भी पेट पर मारा... जब मैं उसे बचाने गई तो वे लोग मुझ पर भी लपके...हमने सोच लिया था कि हम अब नहीं बचेंगे लेकिन अल्लाह की मेहरबानी थी कि हम दंगाइयों के हाथ से बच गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम परवीन को पास के अस्पताल लेकर गए थे लेकिन डॉक्टरों ने हमें अल-हिंद अस्पताल जाने को कहा जहां बुधवार को उसने बच्चे को जन्म दिया।’’ यह परिवार दशकों से इस घर में रहता आया था लेकिन अब वह घर खाक में तब्दील हो चुका है और उसके साथ ही सारा सामान। लेकिन इस बच्चे के जन्म ने सारी तकलीफों के बाद भी मुस्कुराने की वजह दे दी है।
नशीमा ने कहा कि उन्हें कुछ पता नहीं है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह कहां जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ सब खाक हो गया। कुछ नहीं बचा। हो सकेगा तो किसी रिश्तेदार के यहां जाएंगे और देखेंगे कि दोबारा जिंदगी कैसे पटरी पर लाते हैं।’’
छह साल का अली अपने एक दिन के भाई का हाथ पकड़े हुए उसके माथे को सहला रहा है। अली कहता है, ‘‘ मैं इसका हमेशा ख्याल रखूंगा, किसी भी मुसीबत से हमेशा उसकी हिफाजत करूंगा।’’