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रिटायर या ट्रांसफर होने के बाद भी सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी, कुछ मौजूदा अधिकारियों के पास तीन गाड़ियां

By विशाल कुमार | Updated: January 10, 2022 09:42 IST

दस्तावेजों से पता चलता है कि सियाज, एर्टिगा, इनोवा और एसएक्स-4 जैसे 40 वाहन सेवानिवृत्त या ट्रांसफर हो चुके आईपीएस अधिकारियों के पास हैं। संपर्क किए जाने पर कुछ ने वाहन वापस लौटा दिए जबकि करीब 10 आईपीएस ने अभी भी वाहन वापस नहीं किए हैं।

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ठळक मुद्देसियाज, एर्टिगा, इनोवा और एसएक्स-4 जैसे 40 वाहन अधिकारियों के पास हैं।दिल्ली पुलिस के साथ जुड़े कुछ अधिकारी तीन या उससे अधिक वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।535 पुलिसकर्मी पूर्व पुलिस कमिश्नरों, सेवानिवृत्त जजों और पुलिस अधिकारियों के साथ जुड़े हैं।

नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने सेवानिवृत्त होने या ट्रांसफर होने के बाद भी अपने आधिकारिक वाहन वापस नहीं किए हैं. एक ऑडिट में इसका पता चला है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दस्तावेजों से पता चलता है कि सियाज, एर्टिगा, इनोवा और एसएक्स-4 जैसे 40 वाहन सेवानिवृत्त या ट्रांसफर हो चुके आईपीएस अधिकारियों के पास हैं। संपर्क किए जाने पर कुछ ने वाहन वापस लौटा दिए जबकि करीब 10 आईपीएस ने अभी भी वाहन वापस नहीं किए हैं।

ऑडिट से यह भी पता चला है कि दिल्ली पुलिस के साथ जुड़े कुछ अधिकारी तीन या उससे अधिक वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास 2,568 हल्के मोटर वाहन हैं। यह देखा गया कि जेसीपी, डीसीपी और यहां तक कि पुलिस आयुक्त जैसे वरिष्ठ अधिकारी सेवानिवृत्ति या ट्रांसफर के बाद अपने आधिकारिक वाहन नहीं लौटा रहे थे। डीसीपी रैंक के एक अधिकारी का तीन साल पहले तबादला हुआ था लेकिन कार अभी भी उनके घर में है।

दरअसल, दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी पुलिस स्टेशनों और इकाइयों में कर्मचारियों और संसाधनों को संगठित करने के तहत वाहनों को लेकर हाल में एक ऑडिट कराया है।

इससे पहले दिल्ली पुलिस प्रमुख ने सुरक्षा इकाइयों में तैनात जवानों को लेकर एक ऑडिट कराया था। इसमें पाया गया था कि सुरक्षा इकाइयों में 6,828 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 5,465 कर्मी थे। हालांकि, कम से कम 535 पुलिसकर्मी पूर्व पुलिस कमिश्नरों, सेवानिवृत्त जजों और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के साथ जुड़े थे।

यह ऑडिट धनबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों को सुरक्षा मुहैया कराने के फैसले के बाद किया गया था।

टॅग्स :दिल्ली पुलिसPolice DepartmentVVIP
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