Delhi Schools reopen: एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल और कॉलेज, 50 फीसदी बच्चे एक बार में क्लास करेंगे, दिशा-निर्देश जारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 30, 2021 03:24 PM2021-08-30T15:24:14+5:302021-08-30T15:25:52+5:30
Delhi Schools re-opening: दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने एक सितम्बर से स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये है।
Delhi Schools re-opening: दिल्ली सरकार ने घोषणा की कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लंबे समय तक बंद रहने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कक्षा 9-12 के लिए स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान एक सितंबर से फिर से खुलेंगे।
दिल्ली सरकार ने सोमवार को स्कूलों, कॉलेजों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। सरकारी एसओपी के अनुसार, कक्षाएं 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करेंगी। गाइडलाइन के अनुसार, "उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी और ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाएं समानांतर रूप से संचालित की जाएंगी।" दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने निर्देश जारी किए।
Delhi Govt issues SOP for reopening of schools & colleges from Sept 1; says quarantine centres to be set up at all schools and colleges for emergency use; classes to function at 50% capacity
— ANI (@ANI) August 30, 2021
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी की अनिवार्य रूप से ‘थर्मल स्क्रीनिंग’ हो, भोजनावकाश चरणबद्ध तरीके से हो, कक्षा में विद्यार्थियों के बीच उचित दूरी का पालन हो और आंगुतकों को आने से रोका जाए। प्राधिकरण ने कहा कि कोविड-19 निरुद्ध क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूलों और कॉलेजों में आने की अनुमति नहीं है।
कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि एक सितम्बर से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और इसके लिए अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी।
प्राधिकरण ने सोमवार को जारी दिशा-निर्देशों में कहा, ‘‘कोविड-19 के नियमों के तहत एक समय पर कक्षा में छात्रों की सीमित मौजूदगी सुनिश्चित करते हुए स्कूलों को समय-सारणी तैयार करनी चाहिए। क्षमता के आधार पर प्रति कक्षा अधिकतम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को बुलाया जा सकता है। बैठने की व्यवस्था इस तरह की जाए कि प्रत्येक एक सीट के बाद दूसरी सीट खाली हो।’’
दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘‘भोजनावकाश चरणबद्ध तरीके से हो ताकि एक समय पर अधिक भीड़ नहीं हो। भोजनावकाश के लिए छात्रों को खुली जगह में भेजा जाए।’’ प्राधिकरण ने इस तथ्य की ओर भी ध्यान दिया कि टीकाकरण और राशन वितरण जैसी गतिविधियां भी विभिन्न स्कूलों में चल रही है। प्राधिकरण ने कहा कि इन गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाने वाले क्षेत्र को उस क्षेत्र से अलग किया जाना चाहिए जिसका उपयोग शैक्षणिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
प्राधिकरण ने कहा, ‘‘जिला प्रशासन इस उद्देश्य के लिए निर्धारित क्षेत्र की घेराबंदी करेगा, केन्द्रों के लिए अलग प्रवेश एवं निकास मार्ग बनाएगा और छात्रों के साथ आने वाले व्यक्तियों का अन्य छात्रों से संपर्क को रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवियों को तैनात करेगा।’’
प्राधिकरण ने कहा कि साथ ही मास्क पहनने और सफाई का ध्यान रखने जैसे नियमों के पालन करने और नए तरीके के सामान्य जीवन को अपनाने के लिए विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को तैयार किया जाए। स्कूलों और कॉलेजों से अपने शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों का टीकाकरण सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।
दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘‘ सभी की ‘थर्मल स्क्रीनिंग’, इमारत को रोगाणु-मुक्त करना और हाथ धोने के उचित प्रबंध करना अनिवार्य है। साथ ही आपात स्थिति के लिए स्कूल, कॉलेज में पृथक-कक्ष बनाया जाये, आंगुतकों को स्कूलों में आने से रोका जाए।’’ प्राधिकरण ने कहा कि दो पाली के स्कूलों और कॉलेजों में सुबह की पाली के अंतिम समूह से बाहर निकलने और शाम की पाली के पहले समूह के प्रवेश के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर होना चाहिए।
दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘‘ आने-जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी वाहनों को नियमित रूप से साफ किया जाए और सभी प्रमुख यह सुनिश्चित करें कि सभी पात्र परिवहन कर्मचारी (चालक, परिचारक आदि) का टीकाकरण किया जाए और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाना चाहिए।’’ प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे सभी गतिविधियां जिनकी अनुमति दी गई है और जो प्रतिबंधित हैं...उन सभी पर पूर्ववर्ती आदेश 16 सितम्बर तक लागू रहेंगे।