दिल्ली दंगा मामला: उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली पुलिस को नोटिस, 6 हफ्तों में मांगा जवाब
By अंजली चौहान | Published: May 18, 2023 02:00 PM2023-05-18T14:00:41+5:302023-05-18T14:26:43+5:30
उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद के मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद द्वारा यूएपीए मामले में जमानत याचिका दायर की गई थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जवाब तलब किया है।
इस मामले में अदालत ने पुलिस से छह सप्ताह के भीतर मांगा है। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद के मामले में गुरुवार को जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ ने आदेश जारी किया है।
दरअसल, उमर खालिद ने साल 2022 के अक्टूबर महीने में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि उच्च न्यायालय ने खालिद को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
SC seeks reply of Delhi Police on Umar Khalid's plea for bail in UAPA case related to alleged conspiracy behind 2020 Delhi riots
— Press Trust of India (@PTI_News) May 18, 2023
सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को दंगों की साजिश रचने के का आरोप में गिरफ्तार किया था।
इसके बाद खालिद ने कोर्ट से इस आधार पर जमानत मांगी थी कि शहर के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में हुई हिंसा में उसकी न तो कोई "आपराधिक भूमिका" थी और न ही किसी अन्य आरोपी के साथ कोई "षड्यंत्रकारी संबंध" था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने खालिद की जमानत याचिका का विरोध किया था।
इसके बाद उमर खालिद ने अपनी जमानत याचिका को लेकर शीर्ष अदालत का रूख किया था। बता दें कि उमर पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी असेंबली और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की कई धाराओं का आरोप लगाया गया था।
उमर खालिद के अलावा, शारजील इमाम, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू के छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य पर मामले में कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मालूम हो कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी और इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक घायल हो गए थे।