उमर खालिद पर हमला करने वाला पहले भी जा चुका है जेल, BJP मुख्यालय में गाय का सिर लेकर घुसा था
By जनार्दन पाण्डेय | Published: August 21, 2018 10:31 AM2018-08-21T10:31:40+5:302018-08-21T12:44:20+5:30
जेएनयू के शोध छात्र उमर खालिद पर 13 अगस्त को दिल्ली में हमला हुआ था।
नई दिल्ली, 21 अगस्तः दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब के बाहर पिछले सप्ताह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शोध छात्र उमर खालिद पर हमले के आरोपी नवीन दलाल को पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। दि इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक पुलिस ने बताया है कि साल 2014 में नवीन दलाल को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिल्ली के अशोका रोड स्थित मुख्यालय में 40 लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। तब नवीन समेत कई लोग बीजेपी के दफ्तर में गाय का सिर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे और दफ्तर में दाखिल हो गए थे।
इससे पहले दलाल और दर्वेश शाहपुर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने उमर खालिद पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट की थी। वीडियो में दोनों यह वायदा करते हुए दिख रहे थे कि वे जल्द ही पुलिस के पास समर्पण कर देंगे। पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। वीडियो में वे यह कहते सुने जा रहे थे कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के उपहारस्वरूप उमर खालिद पर हमला किया था। वे देश को स्वतंत्रता दिवस पर एक उपहार देना चाहते थे।
सोमवार को उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनसे दिनभर पूछताछ की। पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि ये दोनों ही शख्स एक गोरक्षा संबंधी कंपनी से जुड़े रहे हैं। यह कदम और इसके अलावा भी वह कई ऐसे काम प्रसिद्धि पाने के लिए करते रहे हैं।
यहां तक कि साल 2014 में दलाल उस भीड़ का हिस्सा इसीलिए बना था कि ताकि उस गोरक्षा कार्यकर्ता गोपाल दास जैसी प्रसिद्धि मिल जाए, जो उस वक्त उस प्रर्दशन का नेतृत्व कर रहा था। अतिरिक्त डीसीपी (स्पेशल सेल) मनीर्षी चंद्रा ने इस बात को माना कि दलाल 2014 में गिरफ्तार किया गया था। तब उसके खिलाफ पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। वह केस अभी भी दिल्ली की एक अदालत में लंबित है। ये दोनों आरोपी हिसार के फतेहाबाद जिले में गिरफ्तार किए गए थे।
पुलिस के मुताबिक जब 13 अगस्त को दलाल ने खालिद पर हमला किया, तब शाहपुर उसके के बगल में चाय की दुकान पर खड़ा था। इसके बाद दोनों अलग-अलग रास्ते भागे। दोनों की अगली मुलाकात झज्जर में हुई। दलाल झज्जर के मंदोथी गांव का रहने वाला है, जबकि शाहपुर जिंदा का निवासी है।
पुलिस ने दोनों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। दोनों सोशल मीडिया में बेहद सक्रिय हैं और खालिद पर हमले के बाद इसे कुछ प्रभावशाली काम के तौर पर पोस्ट किया। उल्लेखनीय है कि दोनों घटना पर गोली चलाने को लेकर यह दावा किया कि वे अपनी सुरक्षा के लिए गोली चला रहे थे। जबकि पुलिस का कहना है कि दोनों प्रसिद्धि पाने के लिए गोली चलाई। पुलिस के अनुसार जिस पिस्तौल से गोली चली थी उसे शाहपुर ने उधार पर लिया था। लेकिन घटनास्थल पर उस लेकर दलाल आया था।