दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा, 'हनुमान जयंती जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी के मस्जिद में नहीं फहराया गया था भगवा'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 18, 2022 03:08 PM2022-04-18T15:08:33+5:302022-04-18T15:16:46+5:30
दिल्ली पुलिस प्रमुख राकेश अस्थाना ने कहा इस सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस ने अह तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें लोगों समुदायों के लोग शामिल हैं।
दिल्ली: देश की राजधानी में हनुमान जयंती के मौके पर बीते शनिवार को जहांगीरपुरी इलाके में हुए हिंसा के मामले में सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने स्पष्ट किया है कि जहांगीरपुरी में हुई हनुमान जयंती के मौके पर हुए हिंसक झड़प के दौरान किसी भी मस्जिद पर भगवा झंडा फहराने की कोई कोशिश नहीं की गई थी।
Jahangirpuri clashes: Delhi Police chief says no attempt was made to hoist saffron flag at a mosque during Hanuman Jayanti procession
— Press Trust of India (@PTI_News) April 18, 2022
इसके साथ ही दिल्ली पुलिस प्रमुख राकेश अस्थाना ने कहा इस सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस ने अब तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें लोगों समुदायों के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच अभी चल रही है और जो भी हिंसा के जिम्मेदार पाये जाएंगे, चाहे वो किसी भी धर्म या मजहब से ताल्लूक रखते हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम किया जाएगा।
पुलिस प्रमुख अस्थान ने पत्रकारों से कहा कि शांत होती स्थिति को तनावपूर्ण बनाने के लिए कुछ असामाजिक तत्व लगे हुए हैं और सोशल मीडिया के जरिये अफवाहों को फैलाने का काम किया जा रहा है, लेकिन दिल्ली पुलिस लोगों से अपील करती है कि वो किसी भी अपवाह पर ध्यान न दें और दिल्ली पुलिस द्वारा साझा की गई जानकारियों पर ही भरोसा करें।
उन्होंने कहा कि शनिवार हिंसा की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है और क्राइम ब्रांच की ओर से कुल 14 टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा चार अलग-अलग फोरेंसिक टीमें भी घटनास्थल पर सबूत इकट्ठा करने का काम कर रही हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य माध्यमों से हिंसा के आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने और उनकी पहचना को पुख्ता करने का भी प्रयास कर रही है ताकि कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करते समय पुलिस का पक्ष मजबूत रहे।
मालूम हो कि दिल्ली के अल्पसंख्यक इलाके जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जुलूस निकालते समय चौक के पास स्थित एक मस्जिद के पास दोनों समुदायों के बीच अचानक हिंसा शुरू हो गई थी। जबकि भारी पुलिसबल की मौजूदगी में निकल रहे जुलूस में उससे पहले सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था लेकिन जैसे ही जुलूस मस्जिद के पास से गुजर रही थी, अचानक पथराव शुरू हो गया।
इस मामले में दोनों समुदाय अपने अपने-अपने पक्ष में तर्क दे रहे हैं। जुलूस निकालने वाले पक्ष का कहना है कि दूसरे पक्ष ने सुनियोजित साजिश के तहत जुलूस को लक्ष्य बनाकर पत्थरबाजी की, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय का आरोप है कि जुलूस जब मस्जिद के पास गुजर रही थी तो जुलूस में शामिल लोगों ने अभद्रता की और आपत्तिजनक नारे लगाये।
पुलिस दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप की जांच कर रही है लेकिन जांच में एक बात तो स्पष्टड सामने आयी है कि दोनों पक्ष उग्र थे और हिंसा में बी शामिल थे। सीसीटीवी फुटेज से मिले वीडियो बता रहे हैं कि दोनों पक्षों की ओर से खूब पथरबाजी और तोड़फोड़ की गई। इस दौरान पुलिस ने दोनों पक्षों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया लेकिन पुलिस की ओर से फायरिंग नहीं की गई।
हिंसक झड़प के बाद जहांगीरपुरी का मुआयना करने पर देखा गया कि दोनों पक्षों की हिंसा के बाद सड़कों पर कांच, ईंट-पत्थर के टुकड़े बिखरे पड़े थे। जानकारी के मुताबिक इस झड़प में कुल छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से एक दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर को हाथ में गोली भी लगी है।