दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों का बढ़ेगा वेतन, विधानसभा में बिल हुआ पास, जानें कितना होगा नया वेतन
By रुस्तम राणा | Published: July 4, 2022 03:43 PM2022-07-04T15:43:47+5:302022-07-04T15:43:47+5:30
अब नए विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों, स्पीकर, विपक्षी नेता आदि का वेतन 54 हजार से बढ़कर 90 हजार रुपये हो जाएगा।

दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों का बढ़ेगा वेतन, विधानसभा में बिल हुआ पास, जानें कितना होगा नया वेतन
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विधायकों, मंत्रियों, स्पीकर और विपक्ष के नेताओं का वेतन बढ़ेगा। दिल्ली विधानसभा के सत्र में सोमवार को वेतन संशोधन विधयेक पास हो गया है। अब नए विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों का वेतन 54 हजार से बढ़कर 90 हजार रुपये हो जाएगा।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा में विधायकों, मंत्रियों, स्पीकर और विपक्ष के नेताओं का वेतन बढ़ाने का विधेयक पास हुआ है। पिछले करीब 11 साल से दिल्ली के विधायकों को 12,000 रुपए वेतन मिलता था जिसे बढ़ाकर एक बार 30,000 रुपए किया गया था।
उन्होंने कहा कि भत्ते सहित अब इस वेतन को 90,000 रुपए किया गया है। पिछले 7 साल में इस पर कई बार चर्चा हुई है। डिप्टी सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार को इस पर कुछ आपत्ति थी और उन्होंने कुछ सुझाव दिए थे। हमने सुझावों को मानते हुए इसे पारित किया है। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसको पास करेगी। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार में विधायकों की आखिरी बार सैलरी साल 2011 में बढ़ी थी।
भत्ते सहित अब इस वेतन को 90,000 रुपए किया गया है। पिछले 7 साल में इस पर कई बार चर्चा हुई है। केंद्र सरकार को इस पर कुछ आपत्ति थी और उन्होंने कुछ सुझाव दिए थे। हमने सुझावों को मानते हुए इसे पारित किया है। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसको पास करेगी: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया pic.twitter.com/FCZjKGmJgO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2022
जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के मॉनसून सत्र के पहले दिन मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष के वेतन और भत्ते वाला विधेयक पेश किया जो सदन में ध्वनिमत से पास हुआ। गौरतलब है कि इससे पहले, साल 2015 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया था।