दिल्ली लोकसभा चुनाव: इस मामले में भाजपा और आप से बेहतर कांग्रेस
By भाषा | Published: May 25, 2019 12:52 AM2019-05-25T00:52:26+5:302019-05-25T00:52:26+5:30
चांदनी चौक लोकसभा सीट के तहत आने वाले बल्लीमारान, चांदनी चौक और मटिया महल विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक वोटरों का वर्चस्व है।
दिल्ली में तीन लोकसभा क्षेत्रों के अल्पसंख्यक बहुल विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में ज्यादा वोट मिले हैं। आम चुनावों में डाले गए कुल वोटों को लेकर चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आने वाले ओखला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 60,000 से ज्यादा वोट मिले जबकि आम आदमी पार्टी (आप) की उम्मीदवार आतिशी को 43,000 से अधिक वोट मिले।
ओखला में भाजपा उम्मीदवार गौतम गंभीर को 35,000 से अधिक वोट मिले। हालांकि, गंभीर ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर लवली को 3.91 लाख से अधिक वोटों से हराया। आतिशी तीसरे स्थान पर रहीं। चांदनी चौक लोकसभा सीट के तहत आने वाले बल्लीमारान, चांदनी चौक और मटिया महल विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक वोटरों का वर्चस्व है। चांदनी चौक से कांग्रेस उम्मीदवार जय प्रकाश अग्रवाल को इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार एवं मौजूदा सांसद हर्षवर्धन से अधिक वोट मिले।
अग्रवाल को चांदनी चौक में 33,440...मटिया महल में 52,669 और बल्लीमारान में 49,036 वोट मिले। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में ‘आप’ के उम्मीदवार पंकज गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे। हर्षवर्धन को मटिया महल में 20,224, चांदनी चौक में 28,754 और बल्लीमारान में 33,723 वोट मिले जबकि गुप्ता को चांदनी चौक में 9,152, बल्लीमारान में 8,306 और मटिया महल में 6,787 वोट मिले। उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित को सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 64,382 वोट मिले।
इस क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी को 36,773 वोट मिले। हालांकि, बाबरपुर और मुस्तफाबाद क्षेत्र में तिवारी ने शीला को कड़ी टक्कर दी। बाबरपुर में उन्हें 57,827 और मुस्तफाबाद में 73,501 वोट मिले। शीला को बाबरपुर में 57,227 जबकि मुस्तफाबाद में 69,803 वोट मिले। ‘आप’ के उम्मीदवार दिलीप पांडेय को मुस्तफाबाद में 17,803, बाबरपुर में 12,564 और सीलमपुर में 10,091 वोट मिले। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। तिवारी ने शीला को करीब 3.66 लाख वोटों से हराया।