हैदराबाद रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में ट्विटर को दिल्ली हाईकोर्ट की चेतावनी

By भाषा | Published: February 13, 2020 07:40 AM2020-02-13T07:40:06+5:302020-02-13T07:40:06+5:30

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कहा, ‘‘एक हलफनामा दायर करिये जिसमें यह विदित हो कि आप (ट्विटर) ऐसा दोबारा नहीं करेंगे । आप किसका इंतजार कर रहे हैं । अगर आप हलफनामा दायर नहीं कर रहे हैं तो हम जुर्माना लगायेंगे ।’’

Delhi High Court warns Twitter about revealing Hyderabad rape victim's identity | हैदराबाद रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में ट्विटर को दिल्ली हाईकोर्ट की चेतावनी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsदिल्ली उच्च न्यायालय ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह एक जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल नहीं करती है तो उसे दस लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।। इस जनहित याचिका में हैदराबाद बलात्कार पीड़िता का नाम सार्वजनिक करने पर मीडिया हाउसों एवं सोशल मीडिया मंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह एक जनहित याचिका पर अपना जवाब दाखिल नहीं करती है तो उसे दस लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। इस जनहित याचिका में हैदराबाद बलात्कार पीड़िता का नाम सार्वजनिक करने पर मीडिया हाउसों एवं सोशल मीडिया मंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से कहा, ‘‘एक हलफनामा दायर करिये जिसमें यह विदित हो कि आप (ट्विटर) ऐसा दोबारा नहीं करेंगे । आप किसका इंतजार कर रहे हैं । अगर आप हलफनामा दायर नहीं कर रहे हैं तो हम जुर्माना लगायेंगे ।’’

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय इससे पहले इसी तरह के मामले में नाबालिग बलात्कार पीड़िता के नाम का खुलासा करने को लेकर मीडिया हाउसों पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है ।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस आदेश को दोहराना नहीं चाहते हैं ।’’ अदालत ने ट्विटर को हलफनामा दायर करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है और मामले की सुनवाई की अगली तारीख चार मई मुकर्रर की है ।

अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे अधिवक्ता यशदीप चहल ने दायर की है । भारतीय दंड संहिता की धारा 228 ए के तहत बलात्कार समेत कुछ निश्चित अपराधों में पीड़ित का परिचय उजागर करना दंडात्मक अपराध है और ऐसा करने पर कैद का प्रावधान है जो दो से तीन साल तक हो सकती है। 

Web Title: Delhi High Court warns Twitter about revealing Hyderabad rape victim's identity

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