दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से विशेष अदालतों में लंबित एनआईए के मामलों की जानकारी मांगी

By भाषा | Published: September 15, 2021 08:05 PM2021-09-15T20:05:01+5:302021-09-15T20:05:01+5:30

Delhi High Court seeks information from officials on NIA cases pending in special courts | दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से विशेष अदालतों में लंबित एनआईए के मामलों की जानकारी मांगी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से विशेष अदालतों में लंबित एनआईए के मामलों की जानकारी मांगी

नयी दिल्ली, 15 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपनी रजिस्ट्री के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यहां विशेष अदालतों के समक्ष लंबित राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) मामलों की स्थिति और अगर सुनवाई में विलंब हुआ तो उसके कारणों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट दें।

एनआईए के एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत आठ सालों से हिरासत में चल रहे एक व्यक्ति की दैनिक आधार पर सुनवाई को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने अधिकारियों को जवाद दायर करने के लिये चार हफ्ते का समय दिया।

रजिस्ट्री की तरफ से पेश हुए वकील गौरव अग्रवाल ने कहा कि 31 जुलाई तक यहां पटियाला हाउस अदालत परिसर में दो विशेष अदालतों- एक सत्र न्यायाधीश तथा एक जिला व सत्र न्यायाधीश- के समक्ष एनआईए से जुड़े कुल 37 मामले लंबित हैं।

उन्होंने अदालत ने यह जानकारी लेने के लिये समय की मांग की कि क्या एनआईए के मामलों को इन विशेष अदालतों में “प्राथमिकता” नहीं दी जा रही है।

अदालत ने कहा, “आपको इन सबकी जांच करनी है और पता लगाना है कि देरी क्यों हुई है।”

अदालत ने आदेश दिया, “उच्च न्यायालय द्वारा एक और जवाबी हलफनामा दायर किया जाना चाहिए, जिसमें विशेष रूप से नामित अदालतों में (एनआईए अधिनियम के तहत) सभी एनआईए मामलों में सुनवाई का चरण और देरी का कारण, यदि कोई हो, का उल्लेख हो।”

वकील कार्तिक मुरुकुटला के माध्यम से दायर याचिका में, याचिकाकर्ता मंज़र इमाम ने कहा कि उनके मामले में सुनवाई में देरी हुई क्योंकि केवल दो नामित अदालतें थीं जो गैर-एनआईए मामलों की सुनवाई कर रही थीं जिनमें जमानत मामले, अन्य आईपीसी अपराध और मकोका शामिल थे।

उन्होंने तर्क दिया कि इसके परिणामस्वरूप एनआईए के सभी आरोपी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त त्वरित सुनवाई के मौलिक अधिकार के विपरीत “वर्षों से जेलों में हैं।

याचिकाकर्ता को एनआईए के एक मामले के तहत अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य, देश में स्थित अन्य आईएम स्लीपर सेल और अन्य के साथ मिलकर आतंकवादी कृत्य करने की साजिश कर रहे थे और भारत में स्थित विभिन्न महत्वपूर्ण और प्रमुख स्थानों को निशाना बनाने की तैयारी कर रहे थे।

इस मामले में अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।

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Web Title: Delhi High Court seeks information from officials on NIA cases pending in special courts

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