दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, शादी का वादा कर सहमति से शारीरिक संबंध बनाना हमेशा रेप नहीं

By विनीत कुमार | Published: December 17, 2020 01:28 PM2020-12-17T13:28:15+5:302020-12-17T13:39:37+5:30

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि शादी के वादा पर लंबे समय से अगर सहमति से संबंध कायम रहते हैं तो उसे हमेशा रेप नहीं कहा जा सकता है।

Delhi High Court says sex on marriage promise is not always rape | दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, शादी का वादा कर सहमति से शारीरिक संबंध बनाना हमेशा रेप नहीं

शादी का वादा कर सहमति से शारीरिक संबंध बनाना हमेशा रेप नहीं: दिल्ली हाई कोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlights'शादी का वादे पर लंबे समय से आपसी सहमति से जिस्मामी संबंध कायम रहता है तो उसे हमेशा रेप नहीं कर सकते'दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया ये अहम फैसलाहाई कोर्ट ने कहा कि अगर शादी के वादे पर बिना सहमति के शारीरिक संबंध कायम किए जाते हैं तो वहां रेप का केस बनता है

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि शादी का वादे पर अगर लड़की लंबे समय से आपसी सहमति से जिस्मामी संबंध कायम रखती है तो इसे हमेशा रेप नहीं कहा जा सकता है।

कोर्ट ने एक महिला की याचिका को खारिज करते हुए ये बात कही। महिला ने एक पुरुष पर रेप के आरोप लगाए थे। आरोपों के अनुसार शख्स उस महिला से सहमति से कई महीनों तक संबंध कायम करता रहा।

जस्टिस विभू बाखरू ने कहा कि अगर किसी के साथ शादी का झूठा वादा कर एक बार बहकाया जाता है तो ये अपराध हो सकता है। कोर्ट ने कहा, 'कुछ मामलों में शादी का वादा केवल जिस्मानी संबंध के लिए किया जा जाता है जबकि दूसरा पक्ष इसके लिए सहमति नहीं रखता है। केवल ऐसे मामलों में जहां शादी का झूठा वादा कर बिना सहमति के जबर्दस्ती शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं, वहां भारतीय दंड संहित के सेक्शन 375 के तहत रेप का केस बनता है।'

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने आगे कहा कि जहां ऐसे रिश्ते लंबे समय तक चलते रहते हैं, उसे इस तरह रेप की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।

इसी के साथ हाई कोर्ट ने एक ट्रायल कोर्ट के फैसले को जारी रखते हुए शख्स को रेप के आरोपों से मुक्त कर दिया। कोर्ट महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि शख्स ने उसे धोखा दिया है और शादी का झूठा वादा कर कई बार संबंध बनाए। साथ ही महिला ने आरोप लगाए थे कि शख्स ने उसे दूसरी महिला के लिए छोड़ दिया।

हाई कोर्ट ने कहा कि ये साफ है कि महिला ने अपनी इच्छा के अनुसार शख्स के साथ शारीरिक संबंध रखे। ये दिखाता है कि महिला के मन में भी उसके लिए चाह थी। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की बात से भी इत्तेफाक रखा कि महिला से शारीरिक संबंध बनाने की सहमति शादी का वादा देकर नहीं ली गई थी बल्कि बाद में शादी को लेकर बात हुई थी।

हाई कोर्ट ने महिला की दी गई शिकायत का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया था उसने सबसे पहले 2008 में शख्स के साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके तीन-चार महीने बाद शख्स ने शादी करने का वादा किया था और फिर दोनों के बीच कई और बार संबंध बने।

Web Title: Delhi High Court says sex on marriage promise is not always rape

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