पत्नी का पुलिस के पास झूठी शिकायत करना और थाना बुलाए जाने की आशंका के साथ सिर पर ‘तलवार लटके रहने के खतरे’ की स्थिति में पति को फंसाना क्रूरता, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 23, 2023 09:44 PM2023-08-23T21:44:46+5:302023-08-23T21:46:04+5:30

दिल्लीः न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि थाना ‘‘कोई ऐसी जगह नहीं है जहां कोई जाना चाहे’’ क्योंकि यह मानसिक उत्पीड़न और आघात का स्रोत है।

Delhi High Court says False allegations by wife affecting mental peace amount to cruelty Wife making false complaint police imprisoning husband 'threat at sword' his head | पत्नी का पुलिस के पास झूठी शिकायत करना और थाना बुलाए जाने की आशंका के साथ सिर पर ‘तलवार लटके रहने के खतरे’ की स्थिति में पति को फंसाना क्रूरता, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा

सांकेतिक फोटो

Highlightsमहिला ने पति और उसके परिवार को आपराधिक मामले में ‘‘फंसाने’’ के लिए सब कुछ किया।पारिवारिक अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।सभी आरोपियों को निचली अदालत ने बरी कर दिया था।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने अलग रह रहे एक दंपति को तलाक की मंजूरी देते हुए कहा कि पत्नी का पुलिस के पास झूठी शिकायत करना और थाना बुलाए जाने की आशंका के साथ सिर पर ‘तलवार लटके रहने के खतरे’ की स्थिति में पति को फंसाना क्रूरता है।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि थाना ‘‘कोई ऐसी जगह नहीं है जहां कोई जाना चाहे’’ क्योंकि यह मानसिक उत्पीड़न और आघात का स्रोत है। अदालत ने कहा कि महिला ने पति और उसके परिवार को आपराधिक मामले में ‘‘फंसाने’’ के लिए सब कुछ किया।

मामले में, महिला ने अपने पति और उसके परिवार द्वारा कथित क्रूरता के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी और यह भी दावा किया था कि उसके ससुर ने एक बार उसकी सास की उपस्थिति में उससे बलात्कार करने का प्रयास किया था। पति ने शादी तोड़ने से इनकार करने के पारिवारिक अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

सभी आरोपियों को निचली अदालत ने बरी कर दिया था। पीठ ने कहा, ‘‘झूठे आरोप लगाने का ऐसा आचरण और थाने में बुलाए जाने का लगातार खतरा बना रहना, ऐसे हालात होते हैं जो मानसिक संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं और ये क्रूरता के कृत्य हैं।’’ अदालत ने हालिया आदेश में कहा, ‘‘थाना ऐसा स्थान नहीं होता जहां कोई घूमने जाना चाहे।

यह मानसिक उत्पीड़न और आघात का एक स्रोत है कि हर बार उसे थाना जाने की आवश्यकता होती है। उसके सिर पर तलवार लटकी होती है, न जाने कब उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’’ अदालत ने यह भी कहा कि दंपति लगभग 17 साल से एक साथ नहीं रहे थे और उच्चतम न्यायालय के अनुसार, लंबे समय तक लगातार अलग रहना ही तलाक का आधार है।

पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में तलाक का आदेश न देना दोनों पक्षों के लिए विनाशकारी होगा। दोनों पक्षों के बीच सुलह के कोई आसार नहीं हैं और इतने लंबे अलगाव के कारण झूठे आरोप, पुलिस रिपोर्ट और आपराधिक मुकदमा मानसिक क्रूरता का स्रोत बन गया है और इस रिश्ते को जारी रखने की कोई भी जिद केवल दोनों पक्षों पर और अधिक क्रूरता पैदा करेगी।’’ 

 

Web Title: Delhi High Court says False allegations by wife affecting mental peace amount to cruelty Wife making false complaint police imprisoning husband 'threat at sword' his head

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