दिल्ली हिंसा: कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR करने का निर्देश देने वाले जस्टिस मुरलीधर का रातोरात हुआ ट्रांसफर
By पल्लवी कुमारी | Published: February 27, 2020 08:19 AM2020-02-27T08:19:54+5:302020-02-27T08:19:54+5:30
Delhi Violence: दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हिंसा में 27 लोगों की मौत हो गई है और तकरीबन 200 लोग घायल हैं। मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। इस पूरे मामले पर गृह मंत्रालय ने पैनी नजर रखी हुई है। खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को दिल्ली पर हिंसा नजर बनाए हुए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्व क्षेत्र में सीएए विरोध में भड़की हिंसा पर सुनवाई करने वाले हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर का कल(26 फरवरी) को ट्रांसफर कर दिया गया है। एस मुरलीधर का ट्रांसफर बीती रात पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में किया गया है। जस्टिस मुरलीधर के तबादले का नोटिफिकेशन केंद्र सरकार ने बुधवार रात जारी किया। सुप्रीट कोर्ट ने ट्रांसफर की अनुशंसा 12 फरवरी 2020 को ही की थी लेकिन नोटिफिकेशन दो हफ्ते बाद जारी किया गया है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें एक दिल्ली का हेड कॉन्सटेबल रतनलाल और एक आईबी अफसर अंकित शर्मा की भी मौत हुई है। 200 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा में कथित भागीदारी को लेकर 106 लोगों को गिरफ्तार किया है और 18 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मणदीप सिंह रंधावा ने संवाददाताओं से कहा, ‘बुधवार (26 फरवरी) को कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आयी और उत्तर पूर्व दिल्ली से पीसीआर कॉल घट गये।’हिंसा के तीसरे दिन मृतक संख्या बढ़कर बुधवार को 27 हुई।
Supreme Court Collegium, in its meeting held on February 12 (Wednesday) had recommended the transfer of Delhi High Court judge, Justice S Muralidhar to Punjab and Haryana High Court. https://t.co/lJBTbxYaqe
— ANI (@ANI) February 26, 2020
जस्टिस मुरलीधर ने ही कोर्ट में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर एफआईआर दर्ज करने की सलाह दी थी। कपिल मिश्रा की कथित भड़काऊ बयान वाला वीडियो क्लिप देखने के बाद जस्टिस मुरलीधर ने कपिल मिश्रा के साथ खड़े अधिकारी पर भी एक्शन लेने की बात कही थी।
केंद्र सरकार की ओर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि संविधान के आर्टिकल 222 के तहत, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अनुशंसा पर राष्ट्रपति जस्टिस मुरलीधर का दिल्ली हाईकोर्ट के जज से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज के तौर पर तबादला करते हैं। अधिसूचना में हालांकि, यह जिक्र नहीं किया गया है कि न्यायमूर्ति मुरलीधर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपना कार्यभार कब संभालेंगे।
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति अनूप जे भम्भानी की पीठ ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे सतर्क रहें ताकि 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान जो नरसंहार हुआ था, उसका दोहराव न हो। पीठ ने कहा, ‘‘नहीं, हमें एक और 1984 नहीं होने देना चाहिए... खासकर अदालत और आपकी (दिल्ली पुलिस) की निगरानी में...हमें बहुत, बहुत अधिक सतर्क रहना होगा।’’ उसने हिंसा में गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारी के मारे जाने की घटना को ‘‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया।