शेहला राशिद की याचिका पर सुधीर चौधरी को दिल्ली हाई कोर्ट का नोटिस, 2020 के एक न्यूज शो से जुड़ा है पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: September 16, 2022 02:24 PM2022-09-16T14:24:45+5:302022-09-16T15:47:20+5:30
जेएनयू छात्रा रहीं और कार्यकर्ता शेहला राशिद की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जी न्यूज, सुधीर चौधरी और एनबीडीएसए को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इनसे छह हफ्ते में अपना जवाब देने को कहा है।
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जेएनयू छात्रा रहीं शेहला राशिद की एक याचिका पर जी न्यूज और इससे पूर्व में जुड़े रहे सुधीर चौधरी को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में नवंबर 2020 में एक कार्यक्रम प्रसारित किए जाने को लेकर सुधीर चौधरी और जी न्यूज से माफी की मांग की गई है।
शेहला राशिद ने न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) द्वारा 31 मार्च, 2022 को पारित एक आदेश में सोशधन की मांग की है जिसमें प्राधिकरण ने ब्रॉडकास्टर को माफी मांगने के लिए निर्देशित करने से इनकार कर दिया था। जबकि उसने अपने फैसला में कहा था कि शो में निष्पक्षता की कमी थी और केवल 'एक पक्ष' प्रस्तुत किया गया था।
छह हफ्ते में कोर्ट ने मांगा जवाब
शेहला राशिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा ने एनबीडीएसए, जी न्यूज और सुधीर चौधरी से छह हफ्ते में अपना जवाब देने को कहा है। मामले की सुनवाई अब 23 फरवरी 2023 को की जाएगी।
एनबीडीएसए ने अपने आदेश के तहत जी न्यूज़ को विवादित वीडियो को वेबसाइट, यूट्यूब सहित अन्य सभी लिंक से हटाने का निर्देश दिया था। यह शो 30 नवंबर, 2020 को रात 11 बजे प्रसारित किया गया था। इसमें शेहला राशिद के पिता का इंटरव्यू लिया गया था। इस दौरान शेहला राशिद, उनकी बहन और उनकी मां के खिलाफ कई आरोप लगाए गए थे।
यह भी आरोप लगाया गया था कि शेहला राशिद आतंक के वित्तपोषण में शामिल थी। बाद में 31 मार्च के एक आदेश में एनबीडीएसए ने कहा था इंटरव्यू देने वाले यानी शिकायतकर्ता के पिता (शेहला राशिद के पिता) को शिकायतकर्ता के खिलाफ आरोपों पर बात करने की अनुमति देकर चैनल ने कहानी का केवल एक पक्ष प्रस्तुत किया था।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान शेहला राशिद की ओर से पेश वकील ने कहा कि एक बार जब प्राधिकरण इस निष्कर्ष पर पहुंच गया कि प्रसारक द्वारा दिया गया बयान नैतिकता और मानकों का उल्लंघन है, तो कार्यक्रम को प्रसारित करने के लिए प्रसारक को माफी मांगने के लिए कहना अनिवार्य था।