नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया-राहुल गांधी को दिल्ली HC से झटका, आयकर निर्धारण मामले की याचिकाएं खारिज
By रामदीप मिश्रा | Published: September 10, 2018 05:38 PM2018-09-10T17:38:50+5:302018-09-10T17:39:42+5:30
न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति ए के चावला की पीठ ने कहा कि याचिकाएं खारिज की जाती हैं। पीठ ने कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस की याचिका भी खारिज कर दी। उन्होंने भी 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी।
नई दिल्ली, 10 सितंबरः दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें उन्होंने 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति ए के चावला की पीठ ने कहा कि याचिकाएं खारिज की जाती हैं। पीठ ने कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस की याचिका भी खारिज कर दी। उन्होंने भी 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी।
Delhi High Court rejects Sonia Gandhi and Rahul Gandhi's plea challenging the Income Tax notice seeking tax reassessment for the financial year 2011-2012. pic.twitter.com/0CzJhmvmVU
— ANI (@ANI) September 10, 2018
आपको बता दें कि आठ अगस्त को राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया से जुड़े लेनदेन से संबंधित आयकर मूल्यांकन को दोबारा खोलने और आयकर प्राधिकरण के आदेश को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था।
राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स विभाग ने इसी साल मार्च में राहुल को वित्तवर्ष 2011-12 के संदर्भ में टैक्स के दोबारा मूल्यांकन के लिए नोटिस दिया था। विभाग का कहना था कि राहुल गांधी ने यंग इंडिया की डायरेक्टरशिप के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। इस बात को लेकर राहुल के वकील का कहना था कि जब कोई आय नहीं हुई थी तो कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती थी।
उल्लेखनीय है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है, जिसके बाद बीजेपी इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंची थी। इसके बाद 26 जून 2014 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पांच लोंगों को समन जारी किया था। साथ ही साथ कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। उस समय से यह मामला कोर्ट में चल रहा है।