JNU Fee Hike: प्रदर्शनकारी छात्रों को HC से मिली बड़ी राहत, पुराने फीस पर ही रजिस्ट्रेशन करवाने के दिए आदेश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2020 02:08 PM2020-01-24T14:08:56+5:302020-01-24T14:12:22+5:30
अदालत ने कहा कि नए अकादमिक वर्ष के लिए अभी तक पंजीकरण नहीं कराने वाले जेएनयू छात्र पुरानी छात्रावास नियमावली के तहत ऐसा कर सकते हैं।
दिल्ली हाई ने छात्रावास की नई नियमावली को चुनौती देने वाली जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की याचिका पर विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया। वहीं, कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को आदेश दिया है कि पुराने फीस पर ही रजिस्ट्रेशन होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रेश में देरी होने पर छात्रों से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा।
कोर्ट ने नई जेएनयू छात्रावास नियमावली को चुनौती देने के मामले में पक्षकार बनाए गए एचआरडी मंत्रालय और यूजीसी को भी नोटिस जारी किए। अदालत ने कहा कि नए अकादमिक वर्ष के लिए अभी तक पंजीकरण नहीं कराने वाले जेएनयू छात्र पुरानी छात्रावास नियमावली के तहत ऐसा कर सकते हैं।
Plea of JNUSU challenging IHA decision amending the hostel manual: Delhi HC grants interim relief to students of JNU. "As far as the remaining 10% students are concerned, they need to register within 1 week as per old manual. No late fee will be charged from them too", HC said. pic.twitter.com/ggdwZ7ABZQ
— ANI (@ANI) January 24, 2020
इससे पहले जेएनयूएसयू ने इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) के हॉस्टल मैनुअल में संशोधन करने के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस संशोधन में फीस में बढ़ोतरी का प्रावधान है।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष और छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों साकेत मून, सतीश चंद्र यादव और मोहम्मद दानिश ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में पिछले साल 28 अक्टूबर को जारी आईएचए की कार्यवाही के विवरण और 24 नवंबर को गठित उच्च स्तरीय समिति के अधिकार क्षेत्र और उसकी सिफारिशों पर सवाल उठाए गए हैं।
याचिका में दावा किया गया था कि छात्रावास मैनुअल में संशोधन जेएनयू कानून, 1966 , अध्यादेश और हॉस्टल मैनुअल के प्रावधानों के विपरीत है । याचिका के मुताबिक, संशोधन के जरिए आईएचए में जेएनयूएसयू का प्रतिनिधित्व घटा दिया गया है।