दिल्ली सरकार कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए ‘‘पूरी तैयारी’’ कर रही : जैन
By भाषा | Published: August 28, 2021 06:15 PM2021-08-28T18:15:40+5:302021-08-28T18:15:40+5:30
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली सरकार कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहती और कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए ‘‘पूरी तैयारी’’ कर रही है। जैन ने महामारी के दौरान जान गंवाने वाले डॉक्टरों को भी याद किया और कहा कि उनके नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे जाएंगे। जैन ने लोगों से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और उनसे लापरवाही नहीं करने का आग्रह किया। स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों- यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस), वसंत कुंज, दीप चंद बंधु अस्पताल, अशोक विहार, संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, मंगोलपुरी और बुराड़ी अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए छठा अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। जैन ने कहा, ‘‘उनकी (स्वास्थ्यकर्मी) समर्पित सेवा ने अनमोल जीवन बचाया, उनके सर्वोच्च बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता और उनका नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।’’ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली सरकार स्वास्थ्य कर्मियों की निस्वार्थ और समर्पित सेवा को सलाम करती है, जिन्होंने इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी और दिल्ली सरकार के साथ दिन-रात खड़े रहे।’’ उन्होंने कहा कि सरकार अनुभवों से सीखकर तीसरी लहर को रोकने के लिए तमाम कदम उठा रही है लेकिन कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए लोगों को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जैन ने कहा कि संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार ‘‘पूरी तरह’’ तैयार है। जैन ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और वह कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहती है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 37,000 कोविड-19 समर्पित बेड तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें 12,000 आईसीयू बेड भी शामिल हैं। इसके अलावा पांच एलएमओ (तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन) भंडारण टैंकों के साथ 47 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं तथा कई और स्थापित किए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने भी वरिष्ठ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा की। गोयल ने कहा, ‘‘डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को ‘अग्रिम मोर्चे के योद्धा’ का दिया गया नाम बिल्कुल सही है क्योंकि सीमा पर सेना की तरह, उन्होंने अपने जीवन के बारे में नहीं सोचा, और घातक कोरोना वायरस से लोगों की जान बचाने के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया।’’ गोयल ने कहा कि विधानसभा राष्ट्रीय राजधानी के ‘कोरोना योद्धाओं’ के लिए इस तरह के सम्मान कार्यक्रमों का आयोजन जारी रखेगी।
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