दिल्ली आग त्रासदी: बिहार के लोगों के शव ट्रेन से नहीं एबुलेंस से भेजे जाएंगे, मरे किशोर का शव मुर्दाघर में मिला
By भाषा | Published: December 9, 2019 06:27 PM2019-12-09T18:27:06+5:302019-12-09T18:27:06+5:30
बिहार भवन में संयुक्त श्रम आयुक्त कुमार दिग्विजय ने बताया, ‘‘परिवार शवों को ट्रेन से भेजने को लेकर सहज नहीं थे, इसलिए हमने एंबुलेंसों में शवों को भेजने का फैसला किया है । एक एंबुलेंस में दो शव होंगे।’’
दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में एक फैक्टरी में भीषण आग लगने की घटना में मारे गए लोगों के परिवार के दबाव के आगे झुकते हुए बिहार सरकार ने राज्य के निवासियों के शव ट्रेन के बजाए सड़क मार्ग से उनके घर भेजने का फैसला किया है।
इससे पहले फैसला किया गया था कि ये शव स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के एसएलआर कोच में रखकर ले जाये जाएंगे। हालांकि, पीड़ितों के परिवारों ने इस तरह की व्यवस्था पर आपत्ति प्रकट की थी। बिहार भवन में संयुक्त श्रम आयुक्त कुमार दिग्विजय ने बताया, ‘‘परिवार शवों को ट्रेन से भेजने को लेकर सहज नहीं थे, इसलिए हमने एंबुलेंसों में शवों को भेजने का फैसला किया है । एक एंबुलेंस में दो शव होंगे।’’
अदालत ने संपत्ति के मालिक, प्रबंधक को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा
दिल्ली एक अदालत ने उत्तर दिल्ली के भीड़भाड़ वाले अनाज मंडी इलाके के उस चार मंजिला इमारत के मालिक और प्रबंधक को सोमवार को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया, जिसमें रविवार की सुबह भीषण आग लग जाने के कारण 43 लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस ने रेहान और फुरकान की हिरासत की मांग की जिसे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने मंजूर कर लिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या और आग के संदर्भ में लापरवाह रवैया अपनाने के लिए भादंसं की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया था।
मामला अपराध शाखा के पास भेज दिया गया है। दिल्ली सरकार ने अग्निकांड की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे और सात दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। 1997 में हुए उपहार अग्निकांड के बाद यह सबसे भीषण आग त्रासदी थी।
दिल्ली आग: अग्निकांड में मरे किशोर का शव मुर्दाघर में मिला
दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में भीषण आग के बाद 14 वर्षीय मोहम्मद सहमत के परिवारवालों और दोस्तों की तलाश सोमवार को एक मुर्दाघर में खत्म हुई। बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले किशोर के जान-पहचान वाले और रिश्तेदार रविवार सुबह से उसकी तलाश कर रहे थे।
उनका कहना है कि सहमत आग लगने के समय उसी इमारत में था। सहमत के गांव के ही रहने वाले और यहां मायापुरी में एक फर्नीचर फैक्टरी में काम करने वाले मोहम्मद अरमान ने बताया कि हम कल पूरा दिन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहे लेकिन इस दौड़-धूप का कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा, ‘‘आज दोपहर मैंने और सहमत को जानने वाला एक व्यक्ति ने एलएनजेपी अस्पताल के मुर्दाघर में उसके शव की पहचान की।’’