कोर्ट ने उन्नाव पीड़िता को दूसरी जगह शिफ्ट किये जाने पर सरकार से पूछा सवाल, CBI ने जताई खतरे की आशंका

By भाषा | Published: September 19, 2019 05:44 AM2019-09-19T05:44:06+5:302019-09-19T05:44:06+5:30

इसी से जुड़े एक अन्य मामले में, अदालत ने उन्नाव पीड़िता के पिता का उपचार करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ जांच शुरू करने से सीबीआई को निर्देश देने से मना करते हुए कहा कि मामला चलाना सीबीआई का विशेषाधिकार है।

Delhi court queries UP on steps to relocate Unnao rape survivor | कोर्ट ने उन्नाव पीड़िता को दूसरी जगह शिफ्ट किये जाने पर सरकार से पूछा सवाल, CBI ने जताई खतरे की आशंका

फाइल फोटो

Highlightsपीड़िता ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता को 28 जुलाई को एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को एम्स में भर्ती उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार को वहां किसी सुरक्षित स्थान पर या पड़ोसी राज्य में भेजने के संबंध में उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत ने यह आदेश तब दिया जब सीबीआई ने अदालत को खतरे की आशंका के बारे में बताया। 

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को एक हफ्ते के भीतर एक रिपोर्ट दाखिल कर दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां, दो बहनों और भाई को सुरक्षित स्थान पर भेजने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताने को कहा। 

पीड़िता ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता को 28 जुलाई को एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। बहन और भाई के साथ उसकी मां अभी दिल्ली में उसके साथ हैं। अदालत का यह निर्देश तब आया जब सीबीआई ने खतरे की स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट दाखिल की। 

राज्य सरकार को अदालत को पीड़िता और उसके परिवार की जिंदगी और आजादी की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी अवगत कराने का निर्देश दिया गया है। अदालत अब 24 सितंबर को दुष्कर्म मामले पर सुनवाई करेगी। इसी से जुड़े एक अन्य मामले में, अदालत ने उन्नाव पीड़िता के पिता का उपचार करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ जांच शुरू करने से सीबीआई को निर्देश देने से मना करते हुए कहा कि मामला चलाना सीबीआई का विशेषाधिकार है।

इन डॉक्टरों ने पीड़िता के पिता का तब उपचार किया था जब वह न्यायिक हिरासत में थे और घायल हो गए थे। न्यायाधीश धर्मेश शर्मा पीड़िता के वकील की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। हालांकि, अदालत ने कहा कि सुनवाई के दौरान समूचे घटनाक्रम में किसी भी डॉक्टरों की भूमिका के बारे में तथ्य सामने आए तो उचित आदेश जारी किए जाएंगे। 

वरिष्ठ लोक अभियोजक अशोक भारतेंदु ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि उनकी जांच में अदालत के सामने डॉक्टरों को आरोपियों के तौर पर बुलाने के लिए अब तक कुछ भी सामने नहीं है। वकील धर्मेंद्र मिश्रा की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि सेंगर के इशारे पर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने जानबूझकर पीड़िता के पिता का परीक्षण नहीं किया था। उन्नाव पीड़िता के पिता को तीन अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया गया था और नौ अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में उनकी मौत हो गयी।

Web Title: Delhi court queries UP on steps to relocate Unnao rape survivor

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