LG से मुलाकात के बाद बोले केजरीवाल, 'एलजी ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से किया इनकार'
By भाषा | Published: July 6, 2018 07:41 PM2018-07-06T19:41:31+5:302018-07-06T19:41:31+5:30
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा , ‘‘एलजी ने गृह मंत्रालय से सलाह मांगी तो उसने उन्हें बताया कि सेवा मामले दिल्ली सरकार को नहीं दिए जाने चाहिए। भारत के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश को मानने से खुलेआम इनकार कर रही है।’’
नई दिल्ली, 6 जुलाई: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल से मुलाकात की। मुलाकात करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉंफ्रेंस में कहा कि प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैंने एलजी साहब से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘ एलजी ने गृह मंत्रालय से सलाह मांगी तो उसने उन्हें बताया कि सेवा मामले दिल्ली सरकार को नहीं दिए जाने चाहिए। भारत के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश को मानने से खुलेआम इनकार कर रही है। ’’
बैजल के साथ 25 मिनट तक चली बैठक के बाद केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा कि एलजी के इनकार से देश में ‘‘ अराजकता ’’ पैदा हो जाएगी। एलजी के अधिकारों में कटौती करने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सेवा विभाग पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी दफ्तर के बीच टकराव जारी है।
केजरीवाल ने कहा कि बैजल ने गृह मंत्रालय से सलाह मांगी थी और उन्हें बताया गया कि सेवा से जुड़े मामले दिल्ली सरकार को नहीं दिए जाने चाहिए। बीते बुधवार को उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के कुछ ही घंटे बाद दिल्ली सरकार ने नौकरशाहों के तबादले और तैनाती से जुड़ी एक नई व्यवस्था शुरू की थी , जिसमें मुख्यमंत्री को तबादले और तैनाती पर मंजूरी देने वाला प्राधिकारी बताया गया था।
बहरहाल , सेवा विभाग ने इस निर्देश पर अमल से इनकार करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 2015 में जारी अधिसूचना निरस्त नहीं की है जिसमें गृह मंत्रालय को तबादले और तैनाती के लिए प्राधिकारी बताया गया था।
बैजल के साथ अपनी बैठक के बाद केजरीवाल ने पत्रकारों को बताया , ‘‘ उच्चतम न्यायालय ने कहा कि तीन विषयों - पुलिस , जमीन और लोक व्यवस्था - को छोड़कर बाकी सभी विषयों पर दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्ति प्राप्त है। एलजी इस बात से सहमत नहीं हैं कि सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपा जाना चाहिए। ’’
उन्होंने कहा , ‘‘ हम वकीलों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और कोई विकल्प बंद नहीं हुआ है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मई 2015 में गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना निष्प्रभावी हो गई है। ’’ उप - मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक , यह सरकार की परियोजनाओं को ‘‘ पटरी से उतारने ’’ की कोशिश है।
उन्होंने कहा , ‘‘ यदि कोई सरकार की परियोजना को पटरी से उतारने की कोशिश करना चाहता है तो वह सेवा विभाग के जरिए ऐसा कर सकता है। केंद्र सरकार के पास अपना सेवा विभाग है , लेकिन दिल्ली सरकार के पास नहीं है। यहां तक कि संविधान भी कहता है कि सेवा विभाग का नियंत्रण दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए। ’’ इससे पहले , दिन में केजरीवाल ने प्रस्ताव पर ‘‘ सभी आपत्तियों ’’ को दरकिनार करते हुए राशन की घर - घर आपूर्ति की मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री ने खाद्य विभाग को आदेश दिया कि वह तत्काल इस योजना पर अमल करे।