सुप्रीम कोर्ट के बोल, दिल्ली कूड़े के ढेर में दबी है, मुंबई डूब रही है, सरकार फिर भी कुछ नहीं कर रही
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 10, 2018 10:44 PM2018-07-10T22:44:54+5:302018-07-10T22:44:54+5:30
कोर्ट ने ये कहा है कि दिल्ली कूड़े के ढेर में दब रही है और मुंबई पानी में डूब रही है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है।
नई दिल्ली, 10 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केन्द्र और दिल्ली सरकार से फैली बदहाली पर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि सरकार को बुधवार तक इस बारे में रुख स्पष्ट करने को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कूड़े के पहाड़ों को साफ करने की जिम्मेदारी किसकी है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये निर्देश तब है जबकि सरकार और एलजी के बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तनातनी जारी है।
वहीं, न्यायमूर्ति एम बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा है कि अब, हमें फैसले का फायदा है। दिल्ली विशेषकर भलस्वा, ओखला और गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ हैं। हम जानना चाहते हैं कि कूड़ा साफ करने के लिये जिम्मेदार कौन है, जो उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं या जो मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह हैं।
कोर्ट ने ये भी कहा है कि दिल्ली कूड़े के ढेर में दब रही है और मुंबई पानी में डूब रही है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने ठोस कचरा प्रबंधन रणनीति पर अपनी नीतियों पर हलफनामा दायर नहीं करने पर दस राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदशों पर जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा है कि आखिर सरकार कर क्या रही है देश के दो अहम राज्य परेशानी से जूझ रहे हैं।
इस स्थिति पर अपनी मजबूरी जाहिर करते हुए शीर्ष अदालत ने अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार कुछ नहीं करती है या गैरजिम्मेदार तरीके से काम करती है तो क्या किया जा सकता है। ऐसे में देखना होगा कि अब सरकार कोर्ट को क्या जवाब देती है।