दिल्ली: एम्स में ऑपरेशन के बाद चार साल के बच्चे को दिए गए खाने में मिला कॉकरोच, ट्विटर पर तस्वीर सामने आने के बाद जांच शुरू
By विनीत कुमार | Published: November 15, 2022 11:12 AM2022-11-15T11:12:37+5:302022-11-15T11:16:01+5:30
दिल्ली के एम्स में मरीजों को परोसे जाने वाले खाने को लेकर बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। एक ट्विटर यूजर ने दावा किया कि चार साल के बच्चे के खाने में कॉकरोच मिला। अब अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीज को परोसी गई दाल में कॉकरोच मिलने की बात सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना तब सामने आई जब एक ट्विटर यूजर ने तस्वीरों के साथ इसका विवरण साझा किया। ट्वीट में दावा किया गया है कि चार साल के बच्चे को परोसी गई दाल में कॉकरोच मिला।
साहिल जैदी ने नाम के यूजर ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रीय राजधानी के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में दयनीय और भयावह स्थिति- पेट की प्रमुख सर्जरी के बाद पहले भोजन के रूप में चार साल के बच्चे को ‘कॉकरोच दाल’ परोसना अचंभित करने वाला है।’
Pathetic and frightening state of affairs at the most prestigious Medical facility in National Capital- Serving „Cockroach Daal“ to a 4 year old as first meal post major stomach surgery @aiims_newdelhi Shocked beyond belief 😒 pic.twitter.com/FU2fu7LuxH
— sahil zaidi (@sahilzaidi3) November 13, 2022
सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस ट्वीट के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। वहीं, इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार चार साल के मरीज की मां ने कहा कि बच्चे की सर्जरी के बाद यह उसका पहला खाना था जिसमें कॉकरोच मिला।
उन्होंने कहा, 'मेरे बेटे की यह तीसरी सर्जरी थी। मैंने जब कॉकरोच को देखा तो आवाज उठाई और इस बारे में मौजूद डॉक्टरों और स्टाफ को बताया। इसके बाद खाना पड़ोसने वाले विभाग ने कई बार इसके लिए माफी मांगी।'
मां ने साथ ही कहा कि वह अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए अत्यंत सम्मान रखती हैं जिन्होंने उनके बेटे को ठीक होने में मदद की है पर भोजन की गुणवत्ता में भारी बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'खाना देखने के बाद मैंने क्लाउड किचन से ऑर्डर किया जो एम्स के खाने से कहीं बेहतर था। जबकि मैं बाहर से खाना खरीदने की क्षमता रखती हूं लेकिन उन लोगों का क्या जो ऐसा नहीं कर सकते?'