दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सैन्य तैयारियों की समीक्षा की, सैनिकों से भी की बातचीत

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 22, 2024 01:15 PM2024-04-22T13:15:59+5:302024-04-22T13:17:12+5:30

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को दुनिया के सबसे ऊंचे और दुर्गम युद्धक्षेत्र सियाचिन पहुंचे और क्षेत्र में भारत की समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा की। विश्व के सबसे ऊंचे और ठंडे माने जाने वाले इस रणक्षेत्र में आज भी भारतीय सैनिक देश की संप्रभुता के लिए डटे रहते हैं।

Defense Minister Rajnath Singh visited Siachen reviewed India overall military preparedness | दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सैन्य तैयारियों की समीक्षा की, सैनिकों से भी की बातचीत

सियाचिन पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Highlightsदुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहसैन्य तैयारियों की समीक्षा की, सैनिकों से भी की बातचीत सियाचिन बेस कैंप में युद्ध स्मारक पर बहादुरों को पुष्पांजलि भी अर्पित की

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को दुनिया के सबसे ऊंचे और दुर्गम युद्धक्षेत्र सियाचिन पहुंचे और क्षेत्र में भारत की समग्र सैन्य तैयारियों की समीक्षा की। रक्षा मंत्री  सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ सियाचिन पहुंचे थे। राजनाथ सिंह ने सियाचिन में तैनात सैनिकों से भी बातचीत की। उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में देश की रक्षा के लिए 24 घंटे तैनात रहने वाले सैनिकों की जमकर तारीफ की।  राजनाथ सिंह ने सियाचिन बेस कैंप में युद्ध स्मारक पर बहादुरों को पुष्पांजलि भी अर्पित की।

राजनाथ सिंह ने सियाचिन में जवानों को संबोधित करते हुए कहा, "...मेरे अनुसार दीपावली का पहला दीया, होली का पहला रंग भारत के रक्षकों के नाम होना चाहिए। हमारे सैनिकों के साथ होना चाहिए...पर्व-त्योहार पहले सियाचिन की चोटियों पर मनाए जाने चाहिए। राजस्थान के तपते रेगिस्तान में मनाए जाने चाहिए, हिन्द महासागर की गहराई में स्थित पनडुब्बी में जवानों के साथ मनाए जाने चाहिए..."

बता दें कि विश्व के सबसे ऊंचे और ठंडे माने जाने वाले इस रणक्षेत्र में आज भी भारतीय सैनिक देश की संप्रभुता के लिए डटे रहते हैं। भारतीय सेना 70 किलोमीटर लंबे सियाचिन ग्लेशियर, उससे जुड़े छोटे ग्लेशियर, 3 प्रमुख दर्रों (सिया ला, बिलाफोंद ला और म्योंग ला) पर कब्जा रखती है। उत्तर पश्चिम भारत में काराकोरम रेंज में स्थित है। सियाचिन ग्लेशियर 76.4 किमी लंबा है और इसमें लगभग 10,000 वर्ग किमी विरान मैदान शामिल हैं। सियाचिन के एक तरफ पाकिस्तान की सीमा है तो दूसरी तरफ चीन की सीमा अक्साई चीन इस इलाके को छूती है।

इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्लेशियर पर 12-13 अप्रैल 1984 में एक अभियान चलाकर भारतीय सेना ने कब्जा किया था। यहां सबसे ज्यादा चुनौती मौसम से ही होती है। बर्फीले तूफान दुश्मन के हमले से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं। ऐसे में सैनिकों को खास किस्म के कपड़े तो पहनने ही पड़ते हैं साथ ही मानसिक रूप से भी काफी तैयार होना पड़ता है। इन इलाकों में खाने-पीने की चीजें पहुंचाना भी बड़ा मुश्किल काम है इसलिए सैनिकों को कई बार सूखे मेवे और खास किस्म के बिस्किट पर निर्भर रहना पड़ता है।

Web Title: Defense Minister Rajnath Singh visited Siachen reviewed India overall military preparedness

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे