चीन से तनाव, तीन दिवसीय रूस यात्रा पर रवाना हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर करेंगे चर्चा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 22, 2020 03:23 PM2020-06-22T15:23:14+5:302020-06-22T15:23:14+5:30
रूस यात्रा के दौरान, वह भारत-रूस रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर बातचीत करेंगे। वह मास्को में 75 वें विजय दिवस परेड में भी शामिल होंगे।
नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 3 दिवसीय यात्रा पर मास्को के लिए रवाना हुए। अपनी रूस यात्रा के दौरान, वह भारत-रूस रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर बातचीत करेंगे। वह मास्को में 75 वें विजय दिवस परेड में भी शामिल होंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस यात्रा पर सोमवार को रवाना हुए। इस दौरान वह रूस के उच्च सैन्य अधिकारियों के साथ वार्ता करेंगे और द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य सैन्य परेड में शामिल होंगे।
प्रतिबंध के बाद किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर चार महीने तक यात्रा पर लगे प्रतिबंध के बाद किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है। रक्षा मंत्री की रूस यात्रा ऐसे समय हो रही है जब लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध बरकरार है।
मास्को रवाना होने से पहले सिंह ने ट्वीट किया, “तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को रवाना हो रहा हूं। यह यात्रा भारत-रूस रक्षा और सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए बातचीत का अवसर देगी। मुझे मास्को में 75वीं विजय दिवस परेड में भी शामिल होना है।”
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh departs for Moscow, Russia on a 3-day visit. During his visit to Russia, he'll hold talks on ways to further deepen India-Russia defence & strategic partnership&attend 75th Victory Day Parade of World War II. Defence Secy is accompanying him. https://t.co/PI90vkHRFupic.twitter.com/XE4dde5PVE
— ANI (@ANI) June 22, 2020
अधिकारियों ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव होने के बावजूद सिंह ने रूस की यात्रा स्थगित नहीं की क्योंकि रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंध हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री रूस के उच्च अधिकारियों के साथ दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने को लेकर कई बैठकें करेंगे। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के तीनो अंगों का सम्मिलित 75 सदस्यीय एक दस्ता परेड में हिस्सा लेने पहले ही मास्को पहुंच चुका है।
रूस दौरे के दौरान जल्द से जल्द भारत को S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के डिलीवरी करने की मांग करेंगे। भारत की ओर से जल्द आपूर्ति की यह मांग ऐसे समय की जा रही है जब चीन के साथ सीमा पर उसका विवाद चल रहा है। दरअसल, एस 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को दिसंबर 2021 तक मिलना था लेकिन कोविड-19 के कारण उसकी डिलीवरी में देरी हो रही है। रूस में राजनाथ सिंह चीन के किसी भी राजनीतिक अधिकारी से मुलाकात नहीं करेंगे।
Defence Minister Rajnath Singh leaves for Moscow on a 3-day visit. During his visit to Russia, he will hold talks on ways to further deepen the India-Russia defence and strategic partnership. He will also attend the 75th Victory Day Parade in Moscow. pic.twitter.com/XWXooOBfio
— ANI (@ANI) June 22, 2020
मॉस्को में विजय दिवस परेड में करेंगे शिरकत
यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित होगी। रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत और चीन के बीच बढ़ते सीमा गतिरोध के मध्य में हो रहा है खासकर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों द्वारा 20 भारतीय सैनिकों की हत्या किए जाने के बाद।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वितीय विश्व युद्ध में मिली जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 24 जून को आयोजित विजय दिवस परेड में शमिल होने के लिए मॉस्को की यात्रा करेंगे।” अधिकारियों ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद के बावजूद सिंह यात्रा करेंगे क्योंकि रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंध हैं। रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने ट्वीट किया, “मैं सामरिक साझेदार भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षित यात्रा की कामना करता हूं जो सोमवार को मॉस्को के लिए रवाना होंगे जहां वह 24 जून को ‘ग्रेट विक्टरी डे सैन्य परेड’ के गवाह बनेंगे।”
यह परेड पहले नौ मई को होने थी लेकिन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था। परेड में शामिल होने के लिए 75 सदस्यीय भारतीय सैन्य दस्ता पहले ही मॉस्को पहुंच गया है। मंत्रालय ने कहा, “ रक्षा मंत्री की यात्रा भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक विशेष एवं विशेषाधिकृत सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगा।”
भारतीय मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व गैलेंट सिख लाइट इंफैंट्री रेजिमेंट के मेजर रैंक के एक अधिकारी करेंगे। इस रेजिमेंट ने द्वितीय विश्व युद्ध में बहादुरी के साथ लड़ाई की थी और इसके नाम पर चार युद्ध सम्मान एवं दो सैन्य क्रॉस समेत अन्य वीरता पुरस्कार दर्ज हैं। भारतीय टीम चीन समेत कम से कम 11 देशों से भाग ले रहे सशस्त्र बलों के साथ इस परेड में हिस्सा लेगी।