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उच्च शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला जिलाधिकारियों पर

By भाषा | Updated: April 1, 2021 23:31 IST

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लखनऊ, एक अप्रैल उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर सभी उच्‍च शिक्षण संस्थानों को भौतिक रूप से खुले रखने अथवा बंद करने का फैसला संबंधित जिलाधिकारियों पर छोड़ दिया है।

उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग की ओर से आज प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को इस संबंध में पत्र भेजा गया है।

पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अप्रैल में प्रदेश स्थित विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के संचालन विषयक निर्णय संबंधित कुलपति की संस्तुति पर जिलाधिकारी द्वारा स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिए जाएंगे। इसमें कहा गया है कि अगर स्थलीय परिस्थितियों को देखते हुए कुलपति एवं जिलाधिकारी द्वारा किसी शिक्षण संस्थान को किसी अवधि के लिए भौतिक रूप से बंद करने का निर्णय लिया जाता है तो इसे शर्तों के अधीन माना जाएगा।

पत्र में कहा गया है कि भौतिक रूप से शिक्षा संस्थान को बंद करने की स्थिति में निर्धारित अवधि में कक्षाएं और शिक्षण कार्य परिसर में न होकर ऑनलाइन संचालित किए जाएं और इसके अलावा जिन संस्थानों में परीक्षाएं या प्रयोगात्मक परीक्षाएं चल रही हैं वहां पर निर्धारित परीक्षाएं यथावत संचालित की जाएंगी।

पत्र में कहा कहा गया है कि साथ ही कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया, मास्‍क का अनिवार्य प्रयोग, शारीरिक दूरी बनाए रखना, परीक्षा परिसर को सैनिटाइजेशन एवं अन्य दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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