मणिपुर के पल्लेल में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या हुई 3, सेना के एक मेजर सहित 50 लोग हुए थे घायल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 9, 2023 11:32 AM2023-09-09T11:32:41+5:302023-09-09T11:37:43+5:30

अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले बहुसंख्यक समुदाय के सैकड़ों लोगों ने आदिवासी गांवों पर हमला करने की कोशिश की, इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और सेना के एक मेजर सहित 50लोग घायल हो गए।

Death toll in violence in Manipur Pallel reaches 3 50 people including an army major were injured | मणिपुर के पल्लेल में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या हुई 3, सेना के एक मेजर सहित 50 लोग हुए थे घायल

प्रतिकात्मक तस्वीर।

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Highlightsतेंगनोउपल जिले के पल्लेल इलाके में शुक्रवार को हिंसा में गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई। इससे क्षेत्र में हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।

इंफालः मणिपुर के तेंगनोउपल जिले के पल्लेल इलाके में शुक्रवार को हिंसा में गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। इससे क्षेत्र में हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। अधिकरियों ने बताया कि सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूह के बीच गोलीबारी में एक व्यक्ति के सिर में गोली लगी थी। इंफाल के ‘रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ (रिम्स) में उपचार के दौरान रात में उसकी मौत हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले बहुसंख्यक समुदाय के सैकड़ों लोगों ने आदिवासी गांवों पर हमला करने की कोशिश की, इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई और सेना के एक मेजर सहित 50लोग घायल हो गए। मणिपुर में पल्लेल इलाके के निकट मोलनोई गांव में शुक्रवार सुबह सुरक्षा बलों और सशस्त्र समूह के बीच गोलीबारी हुई। ये लोग गांव में आगजनी करने और हिंसा फैलाने के लिए जा रहे थे।

अधिकारियों के मुताबिक, गोलीबारी की खबर फैलने पर मेतेई समुदाय के लोगों के साथ कमांडो वर्दी पहने मेइरा पाइबिस और अरमबाई तेंगगोल लोगों ने सुरक्षा चौकियों को तोड़ते हुए पल्लेल की तरफ बढ़ने का प्रयास किया।

सुरक्षा बलों के जवानों ने पल्लेल में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भीड़ को रोकने की कोशिश की। बलों द्वारा रोके जाने पर पुलिस की वर्दी पहने तथा भीड़ में शामिल कुछ हथियारबंद लोगों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें सेना के एक मेजर घायल हो गए। अधिकारी को हेलीकॉप्टर से लीमाखोंग के एक सैन्य अस्पताल ले जाया गया। घटना में तीन अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।

अधिकारी ने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जवानों ने हल्का बलप्रयोग किया। उन्होंने आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें 45 से अधिक महिलाएं घायल हो गईं। अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार को दोनों ओर से गोलीबारी में 48 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस बीच, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इम्फाल से पल्लेल की ओर जा रहे त्वरित कार्रवाई बल के जवानों की एक टुकड़ी को थोउबल में मेइरा पाइबिस सहित स्थानीय लोगों ने रोका।

इस घटना से दो दिन पहले बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई इलाके में हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे और उन्होंने तोरबुंग में अपने वीरान पड़े घरों तक पहुंचने के लिए सेना की नाकेबंदी को तोड़ने का प्रयास किया था। लोगों ने दावा किया कि वे तोरबुंग में अपने वीरान घरों तक पहुंचना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने आरोप लगाया कि भीड़ आदिवासियों पर हमला और उनके घरों में तोड़फोड़ करना चाहती थी। एहतियात के तौर पर प्रदर्शन से एक दिन पहले मणिपुर के सभी पांच घाटी जिलों में फिर से पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया था।

Web Title: Death toll in violence in Manipur Pallel reaches 3 50 people including an army major were injured

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