डीबीटी ने दो और संस्थानों में टीका जांच सुविधाओं का गठन किया
By भाषा | Updated: July 4, 2021 22:51 IST2021-07-04T22:51:52+5:302021-07-04T22:51:52+5:30

डीबीटी ने दो और संस्थानों में टीका जांच सुविधाओं का गठन किया
नयी दिल्ली, चार जुलाई टीके के बढ़े हुए उत्पादन को देखते हुए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने दो अतिरिक्त केंद्रों का गठन किया है ताकि जांच एवं टीकों को जारी करने से पहले प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तेज की जा सके। यह जानकारी रविवार को जारी एक बयान में दी गई।
वर्तमान में देश में कसौली में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) है जो भारत में मानव इस्तेमाल के लिए इम्यूनोबायोलॉजिकल्स (टीका एवं एंटीसेरा) प्रमाण पत्र जारी करने और जांच की खातिर राष्ट्रीय नियंत्रण प्रयोगशाला है।
बयान में कहा गया है, ‘‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अपने स्वायत्तशासी अनुसंधान संस्थानों -- नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस (एनसीसीएस), पुणे और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनीमल बायोटेक्नोलॉजी (एनआईएबी), हैदराबाद में दो टीका जांच सुविधाओं का गठन किया है।’’
इसने बताया कि दोनों टीका जांच सुविधाओं को सीडीएल के तौर पर बनाया गया है जिसमें पीएम-केयर्स फंड्स ट्रस्ट ने सहयोग दिया है।
बयान के मुताबिक, एनसीसीएस पुणे के केंद्र को जहां जांच एवं कोविड-19 टीकों को जारी करने के लिए सीडीएल के तौर पर अधिसूचित किया गया है, वहीं एनआईएबी, हैदराबाद को जल्द ही अधिसूचित किए जाने की उम्मीद है।
ये केंद्र प्रति महीने टीकों के करीब 60 बैच की जांच करेंगे। वे वर्तमान कोविड-19 टीके और मांग के मुताबिक नए कोविड-19 टीकों की जांच के लिए तैयार किए गए हैं।
बयान के मुताबिक, ‘‘इससे न केवल टीका निर्माण और आपूर्ति में तेजी आएगी बल्कि पुणे और हैदराबाद के टीका निर्माण केंद्र होने के कारण इनके संचालन में भी सुविधा होगी।
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