लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दारुल उलूम ने एक फतवा जारी किया है, जिसमे कोरोना का टेस्ट और इलाज करवाना जरूरी और इस बीमारी को छुपाना अपराध बताया गया है।
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को छिपाना जायज नहीं है क्योंकि यह संक्रमित व्यक्ति और अन्य लोगों के जीवन को खतरे में डालता है।
दारुल उलूम फरंगी महली ने फतवा जारी कर कहा, " कोरोना वायरस की जद में आए लोगों को अपनी जांच और इलाज कराना चाहिए ।" उन्होंने कहा, "इसको छिपाना कतई जायज नहीं है। अगर लोग महामारी में अपना इलाज और जांच नहीं कराते हैं तो यह बिल्कुल गैर शरई काम है। " फरंगी महली ने कहा कि इस्लाम में एक इंसान की जान बचाना कई इंसानों की जान बचाने जैसा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार (02 अप्रैल) को ताजा जानाकारी देते हुए बताया कि कल से अब तक 328 नए केस सामने आए हैं, जबकि 12 नई मौतें दर्ज हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना से संक्रमित मामलों की कुल संख्या 2006 हो गई है। वहीं, कोरोना से मरने वालों की संख्या 58 बताई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि 9000 तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं और उनके कॉन्टैक्ट की पहचान की है, और सभी को क्वारंटाइन में रखा गया है। इन 9000 लोगों में से 1306 विदेशी हैं और बाकी भारतीय हैं।