Cyrus Mistry Death: साइरस मिस्त्री को मौत से तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट से मिला था तगड़ा झटका, टाटा-मिस्त्री विवाद में दिये फैसले की समीक्षा याचिका की थी खारिज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 4, 2022 08:19 PM2022-09-04T20:19:09+5:302022-09-04T21:53:05+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 को साइरस मिस्त्री के पक्ष में शापूरजी पल्लोनजी समूह की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे उनके समूह ने साल 2021 में दायर करके टाटा समूह द्वारा मिस्त्री को टाटा समूह से विदाई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही ठहराये जाने की समीक्षा किये जाने की मांग की थी।
दिल्ली: शापूरजी पल्लोनजी समूह के मुखिया और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की 54 साल की उम्र में रविवार को एक सड़क हादसे में मौत हो गई। साल 2012 में टाटा समूह के अध्यक्ष पर काबिज होने वाले साइरस मिस्त्री की साल 2016 में टाटा समूह से अचानक विदाई हो गई थी। उसके बाद मीडिया के सुर्खियों में छाने वाले मिस्त्री को इसी साल मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने भी टाटा समूह के विदाई के संबंध में तगड़ा झटका दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को साइरस मिस्त्री के पक्ष में शापूरजी पल्लोनजी समूह की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे उसने साल 2021 में दायर करके टाटा समूह द्वारा साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के अध्यक्ष पद से हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट में पहुंची टाटा समूह और शापूरजी पल्लोनजी समूह के बीच की लड़ाई में देश की सर्वोच्च अदालत ने टाटा समूह द्वारा साइरस मिस्त्री को कार्यकारी अध्यक्ष के पद से हटाने के फैसले को सही बताते हुए उसे बरकरार रखने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश से टाटा समूह को बहुत बड़ी राहत मिली थी।
हालांकि साल 2012 में सुनवाई करते हुए तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की बेंच ने अपने फैसले में टाटा समूह के कदम को सही ठहराया था लेकिन साथ ही उन्हें आदेश दिया था कि टाटा समूह द्वारा साइरस मिस्त्री के खिलाफ की गई कुछ विवादित टिप्पणियों को हटा दिया जाए। मामले में टाटा समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अदालत ने सुनवाई के समय शापूरजी पल्लोनजी समूह के आवेदन पर कुछ एक वाक्यों को हटाने की अनुमति दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च 2021 को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के उस आदेश को रद्द कर दिया था। जिसमें एनसीएलटी ने साइसर मिस्त्री को 100 अरब डॉलर के नमक से सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा आद्योगिक समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने का आदेश दिया था।
उसके साथ ही सुप्रमी कोर्ट ने शापूरजी पल्लोनजी समूह की उस मांग को भी खारिज कर दिया था, जिसमें उसने टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) में स्वामित्व हितों को अलग करने की मांग की थी। मिस्त्री ने साल 2012 में रतन टाटा से टीएसपीएल की कमान ली थी और उसके अध्यक्ष बने थे लेकिन चार साल बाद टाटा समूह ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था।