लाइव न्यूज़ :

लॉकडाउन में फंसे, संगम नगरी में बटाई पर बाल-दाढ़ी काट रहे नाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 30, 2020 21:56 IST

संगम नगरी प्रयागराज में पंडों के ठिकानों पर दूसरे जिलों और प्रदेशों से आए नाई भी मुंडन और दाढ़ी बनाने का काम अधिया पर करते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देसंगम नगरी में पंडों के ठिकानों पर दूसरे जिलों और प्रदेशों से आए नाई भी मुंडन और दाढ़ी बनाने का काम अधिया पर करते हैं।माघ मेला समाप्त होने पर ज्यादातर नाई अपने जिलों को चले गए।

प्रयागराज:  खेत को अधिया या बटाई पर देने की बात तो सभी जानते हैं, लेकिन यहां संगम नगरी में पंडों के ठिकानों पर दूसरे जिलों और प्रदेशों से आए नाई भी मुंडन और दाढ़ी बनाने का काम अधिया पर करते हैं। माघ मेला समाप्त होने पर ज्यादातर नाई अपने जिलों को चले गए।

लेकिन कुछ लॉकडाउन में फंस गए और उनमें से एक राम सुमिरन (परिवर्तित नाम) ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हम यहां अधिया पर काम करते हैं।” मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले सुमिरन ने बताया, “लगभग सभी पंडों के अपने स्थायी नाई होते हैं जो उनकी गद्दी की रखवाली करने के साथ ही उनके घर का भी काम करते हैं।

ये नाई बाहर से आने वाले नाइयों को अधिया पर काम देते हैं और जो बाल-दाढ़ी हम बनाते हैं, उसका आधा पैसा इनको जाता है।” उन्होंने बताया कि यद्यपि पंडे अपने यजमानों से 2100 रुपये से लेकर 10,001 रुपये तक दक्षिणा में लेते हैं, लेकिन उसमें नाइयों का कोई हिस्सा नहीं होता और ये अपने यजमानों से 50-100 रुपये प्रति व्यक्ति नाइयों को दिलवाते हैं जिसमें आधा पैसा स्थायी नाइयों को चला जाता है।

सुमिरन ने कहा कि हालांकि घाटों पर पंडों का कोई दखल नहीं होता। इसलिए पूरा का पूरा पैसा हमारा होता है। लेकिन घाटों पर प्रति दाढ़ी 15 रुपये और मुंडन का 20 रुपये मिलता है जो महंगाई के दौर में नाकाफी है। महीने में 3,000-4,000 रुपये कमा लेने वाले सुमिरन को संतोष है कि उन्हें किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता। उन्होंने मुसीबत की इस घड़ी में साथ देने के लिए पंडों का धन्यवाद दिया और कहा कि लॉकडाउन के बीच उन्हें सिर छुपाने के लिए पंडों ने अपनी झोपड़ियां दे रखी हैं जहां वे रह रहे हैं।

एक अन्य नाई सुरेश शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में 4-6 नाई संगम के किनारे हैं और उन्हें घर जाने की कोई जल्दी नहीं है क्योंकि यहां इक्का दुक्का ग्राहक मिल ही जाते हैं। उन्होंने बताया कि कोई न कोई भोजन-पानी पहुंचा दे रहा है जिससे खाने की समस्या हल हो गयी है। उन्हें उम्मीद है कि लॉकडाउन खुलने पर फिर से संगम क्षेत्र गुलजार होगा। 

टॅग्स :इलाहाबादकोरोना वायरसकोरोना वायरस हॉटस्‍पॉट्सकोरोना वायरस लॉकडाउन
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल