मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। साल 2013 से एक मुकदमा जो कोर्ट में चल रही थी, उसे आज समाप्त कर दिया गया है। एक मजिस्ट्रेट ने करीब 8 साल पहले देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव को आहात पहुंचाने के लिए तिरंगे के नक्शे के साथ केक काटने को अपमान बताया था। जिसे न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने सोमवार को खारिज करते हुए केस को समाप्त कर दिया।
फैसला सुनाते हुए एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में राष्ट्रवाद बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन, एक देशभक्त वह नहीं है जो केवल झंडा उठाता है। झंडा केवल राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। आपराधिक कार्रवाई खारिज करते हुए जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने आगे कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत जैसे लोकतंत्र में राष्ट्रवाद बहुत महत्वपूर्ण है।
लेकिन इसका अत्यंत और अति पालन हमारे राष्ट्र के गौरव के खिलाफ जाएगा। एक राष्ट्रवादी सिर्फ वह नहीं है, राष्ट्रीय गौरव के लिए जो तिरंगा उठाता है, बल्कि वह भी जो सुशासन के लिए काम करता है। बता दें कि साल 2013 में क्रिसमस डे पर 6.5 फीट की केक, जिस पर तिरंगा और अशोक चक्र बना था, उसे काटकर 2500 लोगों में बांटा गया था। इस मामले के सामने आने के बाद डी सेंथीकुमार ने यह याचिका लगाई थी।